देश भर में तेजी से फैलते कोरोना महामारी के संक्रमण के कारण आम लोगों का जनजीवन बेहाल हो गया है. कई छोटी-बड़ी कंपनियां बंद हो गई हैं. महाराष्ट्र, पंजाब और गुजरात जैसे राज्यों में कोरोना का संक्रमण तेजी से फ़ैल रहा है. जिसके कारण बिहार के प्रवासी मजदूर एक बार फिर से पलायन करने को मजबूर हैं. भारी संख्या में लोग बिहार लौट रहे हैं. शुक्रवार को बिहार सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिए एक बड़ा एलान किया.
बिहारस सरकार में श्रम संसाधन विभाग के मंत्री जीवेश मिश्रा ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना महामारी के कारण पलायन को मजबूर प्रवासी मजदूरों को बिहार में ही नौकरी दी जाएगी. श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा ने कहा कि कोरोना के समय दूसरे राज्य से बिहार आने वाले मजदूरों के लिए रोजगार की व्यवस्था की जा रही है. इसके लिए उनकी कुशलता को देखते हुए 10 लाख रुपये का लोन उन्हें दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि इसमें सरकार की ओर से पांच लाख का अनुदान दिया जाएगा, शेष बचे पांच लाख 84 किस्तों में उन्हें वापस करना होगा. ताकि वे सुचारू रूप से अपना रोजगार कर सकें. सरकार ने अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों के लिए मुख्यमंत्री उद्यमी योजना आरंभ की है. इसके अंतर्गत सरकार द्वारा उद्योग स्थापित करने पर 10 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी.
उन्होंने कहा कि मजदूरों के लिए टोल फ्री नंबर जारी किया गया है, जिससे उन्हें आने में काफी सहूलियत होगी. इसके लिए बिहार सरकार के श्रम संसाधन विभाग ने प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए कंट्रोल रूम बनाया है. प्रवासी श्रमिक टोल फ्री नंबर नंबर 18003456138 पर फोन करके कंट्रोल रूम से बात कर सकते हैं.
मंत्री जीवेश मिश्रा ने कहा कि बिहार के किसी भी जिले में रहने वाले प्रवासी मजदूर टोल फ्री नंबर पर फोन कर सेवा ले सकते हैं. उन्हें 24 घंटे के भीतर सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. मंत्री ने कहा कि पंचायत स्तर पर मैपिंग की जा रही है. तकरीबन 9:30 लाख श्रमिकों के डाटा बनाया गया है. जबकि उद्योग विभाग के सहायता से मुख्यमंत्री के नेतृत्व में उद्यमी योजना से बिहार में ही रोजगार दिया जाएगा. जो लोग मनरेगा में काम करना चाहते हैं, उनके लिए भी सरकार तत्पर है. जो लोग बिहार में काम करना चाहते हैं, उनके लिए प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है.
Input: Firstbihar
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