नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, पटना का बिहटा कैंपस 21 माह में बनकर तैयार हो जाएगा। इसकी तमाम प्रक्रिया पूरी हो गई है। भविष्य में जून-जुलाई में पीएम नरेंद्र मोदी ने कैंपस की आधारशिला रख सकते हैं। इसके लिए उन्हें आमंत्रित किया गया है। एनआईटी, पटना के डायरेक्टर प्रोफेसर पीके जैन ने इसकी सूचना शिक्षा मंत्रालय और पीएमओ को दी है। बुधवार को मीडिया से मुखातिब होते हुए एनआईटी, पटना के डायरेक्टर ने कहा कि भारत सरकार को सूचित कर दिया गया है कि एनआईटी पटना परिसर निर्माण के लिए तैयार है। अप्रैल,2024 नया कैंपस बनकर तैयार हो जाएगा। 2024 के जुलाई महीने से नए कैंपस से पठन-पाठन शुरू हो जाएगा। इस प्रोजेक्ट के लिए बिल्डर के रूप में अहलूवालिया कॉन्ट्रैक्ट्स इंडिया लिमिटेड को चुना गया है।
बता दें कि इस कैंपस को इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेंट कमीशनिंग मोड के आधार पर बनाया जाएगा। इसमें बीआइएम के सहयोग से निर्माण में नई टेक्नोलॉजी को लागू किया जाएगा। लौहयुक्त और कंक्रीट युक्त नवीन मशीनों से कैंपस का निर्माण किया जाएगा। परिसर में संतुलित परीस्थितिकीय चक्र को सुनिश्चित करने हेतु ठोस अपशिष्ठ मैनजमेंट सिस्टम एवं सतही वर्षाजल हार्वेस्टिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा। सभी बिल्डिंग पर सोलर पैनल स्थापित किए जाएंगे। बिल्डिंग निर्माण में फ्लाई एस से बनने वाली ईंटों का इस्तेमाल किया जाएगा।
नया कैंपस के निर्माण के लिए बिहार सरकार ने 125 एकड़ जमीन दी है। जमीन की घेराबंदी हो चुकी है। कुल 6600 छात्रों के लिए कैंपस का निर्माण होना है। फिलहाल कैंपस में बिजली कंपनी का विद्युत उपकेंद्र बना है। पहले फेज में 50 एकड़ जमीन पर निर्माण होगा, पति से छात्रों के रहने और पढ़ने की व्यवस्था की जाएगी। इस कार्य के लिए 499.21 करोड रुपए मंजूर किए गए हैं। इसके साथ ही 11000 वर्ग मीटर एरिया में 700 छात्रों की कैपिसिटी वाले हॉस्टल का निर्माण किया जाएगा। इसमें 50 करोड़ रुपए खर्च होने हैं। तीन चरण में बिहटा कैंपस का विस्तार किया जाना है। मीडिया से मुखातिब होने के दौरान बेटा कैंपस के नोडल पदाधिकारी संजय कुमार बहुत दूसरे अफसर उपस्थित थे।
आईआईटी, पटना के प्रोफेसर पीके जैन कहते हैं कि पटना का मौजूदा कैंपस एनआईटी के अधीन रहेगा। यहां आर्किटेक्चर और सिविल डिपार्टमेंट संचालित होता रहेगा। इसके साथ ही बीटेक में दाखिला लेने वाले नए सेशन के छात्र भी इसी कैंपस में रहेंगे। बाकी अन्य डिपार्टमेंट को जुलाई 2024 में बिहटा कैंपस में शिफ्ट कर दिया जाएगा। नया कैंपस काफी विस्तृत और अत्याधुनिक होगा। अलग अलग विभाग के साथ ही लाइब्रेरी और लेबोरेटरी होगी।
एनआईटी, बिहटा कैंपस के नोडल ऑफिसर संजय कुमार कहते हैं कि पूरा केंपस को इकोफ्रेंडली बनाया जाएगा। आधुनिक ब्रिज के तरह इसका निर्माण किया जा रहा है। पि-स्ट्रेस की तकनीक का इस्तेमाल करके टुकड़ों में निर्माण किया जाएगा। इसका लाभ यह होगा कि समय भी बचेगा और बिल्डिंग का स्ट्रक्चर मोटा नहीं होगा। यह बेहद टिकाऊ होगा। कैंपस में सोलर पैनल और रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था रहेगी।
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