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सैकड़ों बच्चों के हाथ से कटोरा छीन पकड़ा दी कलम, गरीबों के मसीहा हैं कांस्टेबल धर्मवीर जाखड़

राजस्थान के एक पुलिस कांस्टेबल की दरियादिली पर हर कोई उन्हें सैल्यूट करेगा. इन्होंने भीख मांग रहे बच्चों के हाथों से कटोरा हटा कर कलम पकड़ा दी. जो हाथ कूड़ा बीनकर पेट भरते थे, उन्हें खाना खिलाया. गरीब लड़कियों की शादी कराई. ऐसे नेक दिल पुलिस वाले को कौन सलाम नहीं करेगा.

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Aapni Pathshala News18

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चलाते हैं ‘आपणी पाठशाला’

उस मसीहा का नाम है धर्मवीर जाखड़. धर्मवीर राजस्थान पुलिस विभाग में कांस्टेबल हैं. साल 2011 में पुलिस में भर्ती हुए. ड्यूटी करने के साथ-साथ धर्मवीर राजस्थान के चुरू में ‘आपणी पाठशाला’ (Aapni Pathshala ) चलाते हैं. जहां सैकड़ों गरीब बच्चे फ्री में पढ़ते हैं.

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Dharmveer Jakhar founder of Aapni Pathshala Twitter

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जब भीख मांगने वाले बच्चों पर आया तरस

धर्मवीर जाखड़ (Constable Dharamveer Jakhar) चुरू में तैनात थे. दिसंबर 2015 में द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा के एग्जाम के लिए छुट्टी ले रखी थी. वे चुरू पुलिस लाइन में अपने क्वार्टर पर एग्जाम की तैयारी कर रहे थे. दिसंबर की कड़कड़ाती ठंड में सुबह के समय कुछ बच्चों की आवाज़ इन्हें सुनाई दी. जो पास की झुग्गियों से पुलिस लाइन में भीख मांगने वाले बच्चों की थी.

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जब धर्मवीर जाखड़ ने इन बच्चों को ठिठुरते देखा, जिनके हाथों में रुखी-सुखी रोटी के चंद टुकड़े थे. तब इनसे देखा न गया. उन्होंने उन बच्चों को पास बुलाया. उनसे भीख मांगने की वजह पूछी. जवाब में गरीबी की वजह से भीख मांगते हैं. कुछ ने बताया कि उनके मां बाप भी गुजर गए हैं. वे यतीम हैं. तभी कांस्टेबल धर्मवीर ने उनके लिए कुछ करने की ठानी.

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Dharmveer Jakhar founder of Aapni Pathshala Twitter

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फिर बच्चों की जिंदगी सवांरने का किया फैसला

लेकिन उनके मन में अब भी कई सवाल थे. जिनका जवाब जानने के लिए धर्मवीर अपने कुछ साथियों के साथ झुग्गी-झोपड़ियों वाले इलाके में पहुंचे. वहां पता लगाया तो बच्चों की बात सच निकली. वहां पर कई बच्चों के माता-पिता की मृत्यु हो चुकी थी. जिनके थे वो गरीबी की वजह से भीख मांगने पर मजबूर थे. कुछ कूड़े बिनकर गुजारा करते थे. ऐसे में धर्मवीर ने उन बच्चों की जिंदगी संवारने के लिए उन्हें शिक्षा देने का फैसला किया.

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Dharmveer Jakhar founder of Aapni Pathshala aajtak

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 उनके हाथों में थमा दी कलम

वहां से वापस आने के बाद अपने साथियों से इस बारे में चर्चा की. उसके बाद अपने दोस्तों की मदद से बच्चों के लिए कुछ किताबें, कापियां, पेंसिल व ब्लैकबोर्ड खरीद लाए. नया साल 2016 उन बच्चों के लिए नई रोशनी बनकर आई थी. उन्हें मसीहा के रूप में कांस्टेबल धर्मवीर जाखड़ मिल गए थे. 1 जनवरी को ‘आपणी पाठशाला’ का आगाज हुआ. जिन बच्चों के हाथों में कटोरा था, अब उनके हाथों में कलम थी.

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धर्मवीर ने उन बच्चों के लिए पुलिस लाइन में रहने वाले परिवार के बच्चों के पुराने खिलौने, कपड़े, इत्यादि जुटाए. फिर उन गरीब बच्चों से कहा गया कि जो रेगुलर स्कूल आएगा. मन लगाकर पढ़ाई करेगा. उसे कपड़े और खिलौने दिए जायेंगे.

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Dharmveer Jakhar founder of Aapni Pathshala Twitter

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…फिर बनता गया कारवां

धर्मवीर खुद की सैलेरी और लोगों की आपसी फंडिग से उन्हें खाना भी खिलाते हैं. बच्चों की तादाद भी बढ़ने लगी थी. दो माह में 40 बच्चे आपणी पाठशाला आने लगे थे. जब तक धर्मवीर का यह नेक काम लोगों की चर्चा का विषय बन गया था. ऐसे में शहर के लोग भी उनका सहयोग करने लगे. जन्मदिन या अन्य खुशियों पर लोग उन बच्चों के लिए उपहार लाते. उनके साथ खुशियां बांटने लगे. बच्चों की तादाद भी लगातार बढती जा रही थी. उन्हें पढ़ाई में मजा आने लगा था.

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Dharmveer Jakhar founder of Aapni Pathshala Twitter

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ऐसे में महिला पुलिस थाना चुरू के तत्कालीन थानाधिकारी विक्रम सिंह ने मदद का हाथ बढ़ाया. उन्होंने थाने में ही बच्चों को पढ़ाने की इजाजत दे दी. खुले आसमान के नीचे यह बच्चे पढ़ने लगे. जब गर्मी का मौसम आया. तब एक व्यक्ति ने उन बच्चों के लिए टेंट लगवा दिया. तब तक बच्चों की संख्या 100 के करीब पहुंच गई थी. लेकिन तेज आंधी तूफान में टेंट फट गया. बारिश का मौसम भी करीब था. तब शहर के औषधि भंडार के डॉ. सुनील ने उन बच्चों के लिए अपना औषधि भंडार का हॉल खोलवा दिया. देखते ही देखते बच्चों की तादाद 200 के करीब हो गई थी. लोगों के सहयोग से उन बच्चों की पढ़ाई और भोजन का इंतेज़ाम हो जाता था. आगे उनमें से कुछ बच्चों को पूर्व पुलिस अधीक्षक की मदद से जाकिर हुसैन स्कूल में दाखिला करवा दिया गया. अब तक ‘आपणी पाठशाला’ की मदद से 500 के करीब बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं.

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Dharmveer Jakhar founder of Aapni Pathshala twitter

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गरीब लड़कियों की करवाते हैं शादी

इसके आलावा कांस्टेबल धर्मवीर जाखड़ गरीब लड़कियों की शादी भी करवाते हैं. नकद राशि से लेकर उनके दहेज़ तक का इंतज़ाम करते हैं. उनकी टीम उस घर भात लेकर पहुंचती है, जहां गरीब लड़कियों की शादी कार्यक्रम होता है. धर्मवीर सामजिक कार्यों में भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते हैं. आज कांस्टेबल धर्मवीर जैसे लोग दूसरों के लिए प्रेरणादायक हैं.

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