टेलीफोन बिल में गडबड़ी की खबरें तो आती रहती हैं, लेकिन 11 साल पहले सरेंडर टेलीफोन की जमानत राशि लौटाने के नाम पर 25 हजार 674 रुपये का बिल थमाने का मामला सामने आया है।
दरअसल, कंकड़बाग के रहने वाले संजीव कुमार ने टेलीफोन नम्बर 2362015 को साल 2010 में सरेंडर कर दिया था। बिल जमा करने के बाद टेलीफोन भी आर ब्लॉक स्थित टेलीफोन भवन में जमा करा दिया था। साल 2019 में राष्ट्रीय लोक अदालत में बकाया बिल जमा करने के लिए नोटिस दिया गया।
उन्होंने राष्ट्रीय लोक अदालत में शामिल होकर सारे साक्ष्य दिये, फिर भी नो ड्यूज प्रमाणपत्र नहीं दिया गया। दो साल बाद फिर से बिल जमा करने का नोटिस थमा दिया गया। बीएसएनएल मुख्य महाप्रबंधक देवेन्द्र सिंह का कहना है कि बिल देने में कहां गलती हुई है, इसको देखा जा रहा है। जल्द ही सुधार कर दिया जाएगा।
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