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सक्सेस स्टोरी: लॉकडाउन में बंद हुआ स्कूल तो YouTube से की पढाई, अब बने बिहार टॉपर

बिहार इंटरमीडिएट की परीक्षा के नतीजों (Bihar Intermediate Exam) में औरंगाबाद जिले के दाउदनगर अनुमंडल ने एक बार फिर से अपनी सफलता का परचम लहराया है।

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औरंगाबाद जिले के अशोक इंटर स्कूल (Ashsok Inter School, Aurangabad) के छात्र अर्जुन कुमार ने विज्ञान संकाय में 472 अंक लाकर इंटर विज्ञान की परीक्षा में पूरे बिहार में पहला स्थान प्राप्त किया है।

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अर्जुन के परिवार में खुशियों का ठिकाना नहीं

परीक्षा का रिजल्ट आते ही अर्जुन के परिवार में खुशियों का ठिकाना नहीं रहा। उन्हें कुल 94.40 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए हैं। जिसने भी अर्जुन की इस उपलब्धि के बारे में जाना, वो उनसे मिलकर उन्हें बधाई देना चाह रहे थे।

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Arjun was invited to the school by the school family and congratulated him for his success.
अर्जुन को विद्यालय परिवार द्वारा स्कूल में बुलाकर उसे सफलता की बधाई दी गयी

अर्जुन को विद्यालय परिवार द्वारा स्कूल में बुलाकर उसे सफलता की बधाई दी गयी। उन्हें मिठाई खिलाकर सम्मानित किया गया तो वहीं उनके घर पर भी बधाई देने वालों का तांता लगा रहा।

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पिता हैं पेशे से ठेकेदार, मां गृहणी

अर्जुन के पिता लक्ष्मी प्रसाद छोटे-मोटे ठेकेदार हैं जबकि मां मरछी देवी गृहिणी हैं। अर्जुन ने बताया कि वह किसी भी निजी शिक्षण संस्थान का छात्र नहीं रहे है।

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अशोक इंटर स्कूल के नियमित छात्र रहे अर्जुन ने बताया कि कोरोना काल में स्कूल बंद होने के बाद उन्होंने यू ट्यूब पर अपनी पढ़ाई शुरू की।

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Arjun became science topper by hard work
कड़ी मेहनत से अर्जुन बना साइंस टॉपर

इंटरमीडिएट की परीक्षा की तैयारी यूट्यूब से ही की और बेहतर परिणाम भी हासिल हुई। उन्हें लगा कि यूट्यूब से वह अपनी पढ़ाई पूरी कर सकता है और उन्होंने यूट्यूब का सहारा भी लिया क्योंकि यहां उन्हें अपने सारे सवालों के जवाब मिल रहे थे।

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12 मार्च को इंटरव्यू के लिए आया था फोन

अर्जुन ने बताया कि 12 मार्च को इंटरव्यू के लिए उनके पास फोन आया था। उन्हें निर्देश दिया गया कि 13 या 14 मार्च को बिहार बोर्ड ऑफिस में 10 बजे पहुंचना है।

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इंटरव्यू के बारे में अर्जुन ने कहा, ‘सबसे पहले हिंदी और अंग्रेजी में परिचय लिखवाया गया। इसके बाद उसका राइटिंग टेस्ट लिया गया।

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इसका मकसद यह पता करना था कि आंसर शीट में मेरी राइटिंग है या नहीं। इसके बाद हिंदी के शिक्षक के पास भेजा गया। जहां पूछा गया कि सुभद्रा कुमारी चौहान ने कौन सी कविता लिखी है।

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उन्होंने बताया कि इसी तरह उसे अंग्रेजी के शिक्षक के पास भेजा गया। बारी-बारी सभी शिक्षकों के पास भेजकर टेस्ट लिया गया।’

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अर्जुन का लक्ष्य है डॉक्टर बनना

अर्जुन ने बताया कि उसका लक्ष्य डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करना है। उन्होंने कहा कि जब उसकी मां बीमार पड़ती है तो डॉक्टर के यहां इलाज के लिये ले जाता है। इसी बात से उसे प्रेरणा मिली और उसने डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करने की सोच ली है।

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