नए उत्पाद कानून (New Prohibition Law) के लागू होने के बाद जिले में पहली बार 54 शराबी एक पखवारे के भीतर एक ही अदालत से दो-दो हजार जुर्माना देने के बाद रिहा कर दिए गए। जिला न्यायालय के चतुर्थ एडीजे सह उत्पाद विशेष न्यायाधीश मनीष कुमार शुक्ला ने शराब के नशे में पकड़े गए 54 लोगों पर जुर्माना किया। इस तरह शराब पीने के मामले में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में मात्र जुर्माना लेकर रिहाई का रिकार्ड बन गया।
पहले भी संबंधित धारा में मिलती थी जमानत
सभी आरोपित उत्पाद अधिनियम की धारा 37 बी के तहत पकड़े गए थे। राज्य सरकार की ओर से नये संशोधित अधिनियम में शराब पीने वाले आरोपित धारा 37 बी के तहत आते हैं। यह जमानतीय है। पूर्व में भी इस धारा के आरोपितों को जमानत मिल रही थी। परंतु कुछ दिन या सप्ताह तक न्यायिक हिरासत में जमानत के लिए इंतजार करना पड़ता था। इसके बाद निर्धारित तिथियों पर मामले की सुनवाई भी करानी पड़ती थी। इसके बाद सजा व जुर्माना दोनों निर्धारित था।
पहली बार शराब पीने के थे आरोपित
इसी माह से प्रभावी नए संशोधन के अनुसार इस धारा के आरोपितों को सिर्फ जुर्माना लेकर रिहा करना है। उन्हें न्यायिक हिरासत या सुनवाई की आवश्यकता नहीं है। स्पेशल पीपी रमाशंकर प्रसाद ने बताया कि उत्पाद स्पेशल न्यायाधीश ने 54 आरोपितों को पहली बार शराब सेवन करने का दोषी मानते हुए दो-दो हजार का जुर्माना अदा करने का आदेश दिया।
अब इन पर नहीं चलेगा केस, दोबारा पकड़े जाने पर बढ़ेगी राशि
अभियोजन अधिकारी रमाशंकर प्रसाद ने बताया कि अब इन आरोपितों पर कोई केस नहीं चलेगा। दोबारा पीते पकड़े जाने पर जुर्माने की राशि बढ़ जाएगी। शराब पीने के आरोप में सभी अब तक न्यायिक हिरासत में थे। 10 से एक महीने तक सभी जेल में थे। इन सभी से कुल एक लाख आठ हजार रुपये वसूले गए हैं।
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