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बिहार MLC चुनाव को लेकर खेलाबेला, एक वोट की कीमत 60,000, नए वार्ड मेंबर ने सच कबूल किया

बिहार MLC चुनाव में 60 हजार रुपए में एक वोट : दो वार्ड सदस्यों ने कबूली सच्चाई, बोले- आप देर से आए…

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MLC चुनाव में एक वोट के बदले 60 हजार का सौदा हो रहा है। पैसा एडवांस में दिया जा रहा है, लेकिन सर्टिफिकेट गिरवी रखी जा रही है। यह पढ़कर आप चौंक रहे होंगे, लेकिन यह सच्चाई है। दैनिक भास्कर ने स्टिंग कर इस पूरे सच को बेनकाब किया है। स्टिंग में डुमरा पंचायत के दो वार्ड सदस्यों से हमारी बात हुई। उन लोगों ने पैसा लेकर सर्टिफिकेट देने की बात हमारे कैमरे में कबूल की।

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उन्होंने बताया, ‘आप देर से आए। वरना आपको हम लोग सर्टिफिकेट दे देते। 70 फीसदी सर्टिफिकेट पंचायतों से निकल चुका है। बस 30 फीसदी बचा है। उसके लिए भाग-दौड़ चल रही है। वह भी एक-दो दिनों में तय हो जाएगा।’

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बदनाम करना नहीं, सच लाना मकसद- जानिए कैसे किया स्टिंग

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शनिवार सुबह भास्कर की टीम MLC चुनाव में वोट के लिए खरीद-फरोख्त का सच जानने कुटुंबा प्रखंड निकली। 4 पंचायतों और 8 गांवों का दौरा किया। कई उम्मीदवार अपने घर पर नहीं मिले। पहले अंबा पंचायत पहुंचे। यहां किसी वार्ड सदस्य से मुलाकात नहीं हुई। परिजनों ने भी कुछ नहीं बताया। तेलहारा पंचायत के एक गांव में पहुंचे। महिला वार्ड सदस्य के घर गए, लेकिन वो भी नहीं थीं। फिर हम पंचायत के डुमरा गांव पहुंचे। यहां खेत में काम कर रहे बुजुर्ग से बात हुई। हमने बताया कि MLC प्रत्याशी के समर्थक हैं। वोट के लिए आए हैं। बुजुर्ग मुस्कुराते हुए बोले, ‘सुबह से शाम तक गाड़ी आ रही है। आसपास के सभी वार्ड सदस्य सर्टिफिकेट बेच चुके हैं, लेकिन वार्ड-5 के वार्ड सदस्य भगवान ने अपना वोट नहीं बेचा है, लेकिन वह भी आज शायद बेच देगा। घर पर जाइए उसका मोबाइल नंबर मिल जाएगा।’ इसके बाद हम डुमरा गांव स्थित उसके घर पर पहुंचे।

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सफेद रंग की टी-शर्ट पहने उसका चचेरा भाई मिला। उसने पूछा क्या काम है। हमने बताया कि MLC चुनाव के लिए आए हैं। बात करनी है। उसने मोबाइल पर भाई से बात की और हम लोगों को भी करवाया। हमने अपना नाम शिवशंकर बताया। उसने हमें अंबा बुला लिया। फिर हम अंबा पहुंचे। तब तक हमें पता हो चुका था कि वह किस प्रत्याशी से अपना सौदा कर चुका है। हम उसके विरोधी वाले उम्मीदवार के समर्थक बनकर अंबा पहुंचे।

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नोटरी की दुकान पर मुलाकात हुई। फिर बातचीत शुरू हुई। जिसमें उसने सच्चाई बयां कर दी। इसी दौरान उसी पंचायत के वार्ड नंबर एक के सदस्य बिजेंद्र राम से भी बात हुई। उसने तो पूरा सच खोलकर रख दिया। बताया 60 हजार में बेचे हैं। पैसे की क्या बात है 90 हजार तक मिल रहा था। अब सर्टिफिकेट आने के बाद कुछ खेल हो सकता है।

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जानिए कैसे हुई रिपोर्टर व वार्ड सदस्य से डील की बातचीत

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केस 1- वार्ड सदस्य भगवान से बातचीत

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रिपोर्टर-भगवान जी, आपके पास उम्मीद लेकर आए हैं।
वार्ड सदस्य-थोड़ा लेट कर दिए, जीत के बाद तुरंत आना चाहिए था। जिनको सर्टिफिकेट दिए उनका बेटा घर पर तुरंत आ गया था। आप भी आ जाते।

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रिपोर्टर-झूठ मत बोलिए, आप सर्टिफिकेट नहीं दिए हैं। अभी बातचीत चल रही है।
वार्ड सदस्य-दे दिए हैं। झूठ नहीं बोलते हैं।

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रिपोर्टर- कितना मिला‌?
वार्ड सदस्य-60 हजार।

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रिपोर्टर- यहां 70 मिलेगा। सोचिए।
वार्ड सदस्य- अब कुछ नहीं होगा। जुबान की कीमत होती है।

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केस 2- डुमरा के वार्ड सदस्य बिजेंद्र राम से बातचीत

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रिपोर्टर- आप सर्टिफिकेट दे दिए?
वार्ड सदस्य- तीन दिन पहले ही दे दिए। कसौटी घर पर ही लोग आए थे।

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रिपोर्टर- माल मिल गया?
वार्ड सदस्य-कहां मिला ?

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रिपोर्टर- तब कब मिलेगा पैसा?
वार्ड सदस्य- पैसा तो मिल गया।

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रिपोर्टर- कितना? जो मिला है उससे ज्यादा देंगे।
वार्ड सदस्य-पैसे का क्या बताएं? 60 से 90 हजार तक की बात हुई है। अब क्या सर्टिफिकेट लाकर आपको दें?

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रिपोर्टर-शपथ ग्रहण में लाइएगा न?
वार्ड सदस्य- उस समय लाएंगे। अगर उस समय खेला होगा तो देखेंगे।

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