बिहार में बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने धान अधिप्राप्ति की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली। विभाग की तरफ से मुख्यमंत्री को बताया गया कि चरणबद्ध तरीके से धान अधिप्राप्ति की प्रक्रिया शुरु की गई है। किसानों को समय पर उनकी धान पैदावार (Rice Production) का भुगतान किया जा रहा है। बैठक में सहकारिता विभाग की सचिव बंदना प्रेयसी ने कहा कि लक्ष्य के अनुरुप सभी जिलों से धान का क्रय (Rice Procurement) किया जा रहा है। बिहार में उसना चावल मिलों की संख्या बढ़ेगी, साथ ही अरवा चावल मिलों को उसना में कन्वर्ट करने को लेकर सरकार प्रेरित करेगी।
सहकारिता विभाग ने बताया कि 61 हजार मीट्रिक टन की रिकॉर्ड धान अधिप्राप्ति की गई है। प्रोक्योरमेंट पोर्टेबिलिटी सिस्टम लागू की गई है, इसके माध्यम से 35 हजार किसानों द्वारा अब तक 2.63 लाख मीट्रिक टन धान अधिप्राप्ति की गई है। उन्होंने बताया कि धान अधिप्राप्ति के लिए 15 फरवरी, 2022 तक की समय सीमा निर्धारित की गई है।
सबसे पहले बिहार में धान अधिप्राप्ति की हुई शुरुआत
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हम लोगों ने अपने यहां सबसे पहले पैक्स के धान अधिप्राप्ति की शुरुआत करवायी, इससे किसानों को काफी लाभ हो रहा है। यह संतोष की बात है, कि अब तक साढ़े चार लाख किसानों से 32.61 लाख मीट्रिक टन की रिकॉर्ड धान अधिप्राप्ति हो चुकी है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष 15 फरवरी तक धान अधिप्राप्ति की समय सीमा निर्धारित की गई है, इच्छुक किसान समय सीमा में इसका लाभ उठाएं।
सरकार किसानों की हर संभव सहायता के लिये तत्पर
बैठक में सीएम नीतीश ने यह भी निर्देश दिया कि किसानों को धान अधिप्राप्ति में किसी प्रकार की समस्या न हो, इसके लिए निरंतर निगरानी और अनुश्रवण करते रहें। साथ ही लक्ष्य के अनुरुप धान अधिप्राप्ति को लेकर तेजी से काम करें। धान अधिप्राप्ति का भुगतान किसानों को समय पर करते रहें जिससे उन्हें इसका लाभ मिले।
उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की हर संभव सहायता के लिये पूरी तरह तत्पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में उसना चावल की खपत अधिक है। इसको लेकर उसना चावल के मिलों की संख्या और बढ़ाई जानी चाहिए। अरवा चावल मिलर्स को उसना मिल में कन्वर्ट करने के लिए प्रेरित करें।
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