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बिहार के लिए ऐतिहासिक है आज का दिन, बिहार के पूर्णिया में एथेनॉल के पहले प्लांट का हुआ शुभारंभ

बिहार को मिला पहला एथेनॉल प्लांट:CM नीतीश कुमार ने किया शुभारंभ; फ्यूल में भी होगा इस्तेमाल : बिहार के पूर्णिया में एथेनॉल के पहले प्लांट की शुरुआत हो गई। केंद्र और राज्य की एथेनॉल पॉलिसी 2021 के बाद देश के पहले ग्रीनफील्ड ग्रेन बेस्ड एथेनॉल प्लांट का शुभारंभ CM नीतीश कुमार ने किया। कृत्यानंद नगर के परोरा में इसे ईस्टर्न इंडिया बायोफ्यूल्स प्रा. लि. (EIBPL) ने 105 करोड़ की लागत से बनाया है। इससे सीमांचल के लगभग 10 जिले किसानों को फायदा मिलेगा।

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इस मौके पर बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन भी मौजूद रहे। इस प्लांट को लेकर बिहार सरकार काफी उत्साहित थी। मुख्यमंत्री ने मौके पर कहा, ‘यह चुनाव के उत्पादन में बिहार आगे बढ़ रहा है। प्लांट शुरू हो रहा है यह खुशी की बात है। पहले यहां के सामान को बाहर भेज दिया जाता था। अब बिहार में एथेनॉल का उत्पादन शुरू हो जाएगा और मुझे पूरा भरोसा है कि यह एक सफल प्रोजेक्ट साबित होगा।’

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वहीं उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा, ‘बिहार देश का एथेनॉल हब बनने की राह पर तेजी से आगे बढ़ने लगा है। बिहार एथेनॉल पॉलिसी 2021 के बाद बिहार में स्थापित हो रही 17 इकाइयों में से पहले ग्रीनफील्ड ग्रेन बेस्ड एथेनॉल इकाई ने उत्पादन शुरू कर दिया है और बहुत जल्द तीन और इकाइयों का शुभारंभ होगा।’ उन्होंने कहा कि एथेनॉल उद्योग बिहार के युवाओं के लिए रोजगार की उम्मीद पूरी करेगा तो इससे बिहार के किसानों की आमदनी में भी जबरदस्त वृद्धि होगी।

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उत्पादन क्षमता 65 हजार लीटर प्रतिदिन है
इस प्लांट की उत्पादन क्षमता 65 हजार लीटर प्रतिदिन है। इसके साथ ही इस प्लांट से प्रतिदिन 27 टन DDGS (Distiller’s dried grains with Solubles) यानी एनिमल फीड बनाने के लिए जो पोषक तत्व से पूर्ण कच्चे माल की जरूरत होती है, उसका उत्पादन बायप्रोडक्ट के रूप में होगा।

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145 से 150 टन चावल या मक्के की जरूरत होगी
पूर्णियां के परोरा में स्थापित प्लांट की जरूरत को पूरा करने के लिए प्रतिदिन करीब 145 से 150 टन चावल या मक्के की जरूरत होगी। प्लांट में तैयार एथेनॉल को ऑयल मार्केटिंग कंपनी जिनमें इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम शामिल हैं, उन्हें बेचा जाएगा। इसके लिए तेल मार्केटिंग कंपनियों से 10 साल का करार किया गया है।

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एथेनॉल प्लांट पर्यावरण अनुकूल भी है
अत्याधुनिक तकनीक की मशीनों से लैस यह प्लांट पर्यावरण अनुकूल भी है। प्लांट की डिजाइनिंग ऐसी है कि पर्यावरण की अनुकूलता को देखते हुए जीरो लिक्विड डिस्चार्ज (ZLD) सुनिश्चित होगा। आपको बता दें 2021 में लाई गई बिहार की एथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति काफी सफल रही। इसके तहत बिहार में 151 एथेनॉल ईकाईयों की स्थापना के लिए कुल 30,382 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव आए। लेकिन कोटा कम मिलने से फिलहाल 17 एथेनॉल ईकाईयों की स्थापना पहले चरण में हो रही है।

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फिलहाल बिहार को 36 करोड़ लीटर सालाना एथेनॉल आपूर्ति का कोटा मिला है लेकिन एथेनॉल उत्पादन के लिए कच्चे माल व पानी की उपलब्धता, इसमें निवेश के लिए आए प्रस्ताव व अन्य अनुकूलता को देखते हुए बिहार के एथेनॉल उत्पादन की क्षमता 172 करोड़ लीटर सालाना है।

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