बिहार के उद्योग विभाग के द्वारा जल्द ही राज्य के उद्यमियों को बड़ी राहत देने का ऐलान करेगा। उद्यमियों को उद्योग स्थापित करने हेतु बिहार क्षेत्र विकास प्राधिकरण के द्वारा जमीन उपलब्ध कराई जाती है। उद्योग विभाग को प्रतिक्रिया आया था कि जमीन की अधिक कीमत के वजह से उद्यमी उद्योग धंधे लगाने से पीछे हट रहे हैं। हालांकि, राजधानी पटना व उसके आसपास विभाग के पास जमीन उपलब्ध नहीं है। उम्मीद जताई जा रही है कि आगामी 6 महीने में उद्योग नहीं चला रहे उद्यमियों से जमीन छीनी जा सकती है।
बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा है कि यह सही है कि प्राधिकरण जमीन की कीमत कम करने को लेकर तैयारी कर रही है। राज्य में उद्यमियों के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने ऐसा फैसला लिया है। नई कीमत के बारे में जल्द ही ऐलान किया जाएगा।
बता दें कि पटना के पाटलिपुत्र औद्योगिक इलाके में जमीन की कीमत प्रति एकड़ 17.89 करोड़ रुपये है। वैसे यह सर्किल रेट के मुकाबले कम है। आवंटन हेतु यहां केवल 0.24 एकड़ भूमि उपलब्ध है। पटना से सटे औद्योगिक क्षेत्र फतुहा में प्रति एकड़ 3.39 करोड़ रुपये बियाडा ने भूमि की कीमत निर्धारित कर रखी है। यहां फिलहाल केवल 0.46 एकड़ भूमि उपलब्ध है। बिहटा में औद्योगिक पार्क व औद्योगिक क्षेत्र वहीं हाजीपुर में ईपीआइपी जमीन उपलब्ध नहीं है।
चीनी मिलों की भूमि बियाडा के पास कुछ हद तक एवलेबल है। गुरारू चीनी मिल की 19.85 एकड़, नवानगर चीनी मिल की 439.68 एकड़, बिहटा चीनी मिल की 21.86 एकड़ भूमि और वारसलिगंज चीनी मिल की 60.30 एकड़ उद्यमियों को देने के लिए बियाडा के पास उपलब्ध है।
Comment here