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बिहार की लड़कियां मुफ्त में करेंगी मेडिकल-इंजीनियरिंग की कोचिंग, बिहार सरकार ने शुरू की नई पहल

बिहार सरकार पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा श्रेणी की लड़कियों को आवासीय सुविधा के अंतर्गत ऑनलाइन पढ़ाई एवं फ्री में इंजीनियरिंग और मेडिकल की कोचिंग कराने की व्यवस्था में जुट गई है। इसके कई खास महत्व है। सीएम नीतीश के आदेश पर पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने राज्य के 38 जिलों में स्थित पिछड़ा कन्या वर्ग आवासीय उच्च माध्यमिक स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई होगी। एक एकेडमिक सेशन में 35 हजार से अधिक बालिकाओं को ऑनलाइन पढ़ाई का लाभ मिलेगा। विषय के अनुसार लड़कियों को हार्ड कॉपी उपलब्ध कराई जाएगी। इसकी तैयारी सभी कन्या आवासीय स्कूलों में पूरी हो चुकी है। इसी महीने अगस्त में पढ़ाई शुरू हो जाएगी।

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बता दें कि पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा कल्याण विभाग के द्वारा संचालित कन्या आवासीय स्कूलों में वर्ग 6 से 12 तक की बालिकाओं को मुक्त में इंटरनेट की सुविधा मिलेगी। वहीं जेईई और नीट जैसे प्रतियोगी परीक्षाओं की प्रिपरेशन करवाने वाले प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानों से तैयार स्टडी मैटेरियल सॉफ्ट कॉपी और हार्ड कॉपी बच्चों को दिया जाएगा। सप्ताह में एक दिन एक्सपर्टो के द्वारा स्पेशल क्लास लिया जाएगा, जिससे बच्चों को होने वाली परेशानी को खत्म किया जा सके। विभाग ने इसके लिए कई कोचिंग संस्थानों से समझौता किया है। विभाग ने डिजिटल ब्लैक, टीवी स्क्रीन, वेब, नेट आदि की व्यवस्था कर ली है। मुख्यालय स्तर पर सभी आवासीय स्कूलों में संचालित होने वाली ऑनलाइन क्लास की मॉनिटरिंग की जाएगी।

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पंकज कुमार (प्रधान सचिव, पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग) ने जानकारी दी कि अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय स्कूलों में पढ़ रहे छात्राओं के अलावा अति पिछड़ा वर्ग हॉस्टलों में रहकर अध्ययनरत छात्रों को मुफ्त में मेडिकल सहित अन्य कंपटीशन एग्जाम की तैयारी के लिए मुफ्त कोचिंग की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री अत्यंत पिछड़ा वर्ग मेधावृत्ति स्कीम का बजट में दस गुना बढ़ोतरी की गई, जिससे अधिक से अधिक छात्र और छात्राओं को स्कीम का फायदा मिल सके। इस योजना का बजट 2008-09 में 10 करोड़ 67 लाख रुपए था, जिसे बढ़ोतरी होकर 105 करोड़ रुपए हो गया है।

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