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पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी और विवाद के बीच देश से पहली बार कुवैत जाएगा 192 मीट्रिक टन गाय का गोबर

जयपुर की एक फर्म कुवैत को गाय के गोबर का निर्यात करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. दोनों देशों के बीच यह अपनी तरह का पहला सौदा बताया जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कुवैत स्थित लैमोर ने भारतीय कंपनी को 192 मीट्रिक टन देशी गाय के गोबर के आयात का ऑर्डर दिया है.

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‘ऑर्गेनिक फार्मर प्रोड्यूसर एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अतुल गुप्ता ने न्यूज एंजेसी आईएएनएस से कहा, “जयपुर की कंपनी ‘सनराइज एग्रीलैंड एंड डेवलपमेंट रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड’ को यह ऑर्डर मिला है”.

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वहीं, कंपनी के निदेशक प्रशांत चतुर्वेदी ने कहा, ”संभवत: यह पहला मौका है जब कुवैत द्वारा भारत से देशी गायों का गोबर आयात किया जा रहा है. जयपुर के सांगानेर स्थित पिंजरापोल गोशाला के सनराज इज आर्गेनिक पार्क में इसकी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. सीमा शुल्क विभाग की देखरेख में गोबर को कंटेनर में पैक करने का काम चल रहा है. पहली खेप के रूप में इसे कनकपुरा रेलवे स्टेशन से 15 जून को कुवैत के लिए रवाना किया जाएगा”.

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अतुल गु्प्ता के मुताबिक 2020-21 में भारत से पशु उत्पादों का निर्यात 27,155.56 करोड़ रुपए का था. इसके अलावा जैविक खाद की मांग लगातार बढ़ रही है. कई देशों ने देशी गाय के गोबर पर शोध के बाद पाया है कि यह न केवल फसलों के उत्पादन में वृद्धि कर सकता है, बल्कि इससे बनने वाले उत्पादों के उपयोग से मनुष्य को गंभीर बीमारियों से मुक्ति मिल सकती है. यही कारण है कि कई देशों ने भारत से जैविक खाद के साथ देशी गाय के गोबर का आयात करना शुरू कर दिया है.

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गुप्ता ने यह भी बताया कि कुवैत के कृषि वैज्ञानिकों ने व्यापक शोध के बाद पाया है कि खजूर की फसल में देशी गाय के गोबर के पाउडर के रूप में उपयोग से फलों के आकार में वृद्धि के साथ-साथ उत्पादन में अपेक्षित वृद्धि देखी गई है. भारत गाय के गोबर का सबसे बड़ा निर्यातक है और अधिकांश शिपमेंट मालदीव, संयुक्त राज्य अमेरिका और मलेशिया के लिए थे.

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बता दें, कुवैत, खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) के अन्य देशों की तरह, देश की खाद्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आयात पर बहुत अधिक निर्भर है. जलवायु और पानी की कमी ने देश में पारंपरिक कृषि को लगभग असंभव बना दिया है. सालों से खेती को प्रोत्साहित करने के प्रयास किए गए हैं, लेकिन अभी भी कुवैत की तस्वीर में कोई बदलाव नहीं आया है.

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हाल ही में, ‘पब्लिक अथॉरिटी फॉर एग्रीकल्चरल अफेयर्स एंड फिश रिसोर्सेज’ में ‘ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट’ के मैनेजर अब्दुलरहमान ने कुवैत टाइम्स को बताया था कि कुवैत दुनिया भर से जैविक खेती तकनीकों का अध्ययन कर रहा है ताकि देश में पारंपरिक कृषि संभव हो सके.

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पिछले हफ्ते ही पूर्व भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मुहम्मद पर अपमानजनक टिप्पणी करने के बाद कुवैत ने अन्य मुस्लिम बहुल देशों के साथ भारतीय दूत को तलब किया था. कुवैत के लोगों ने भी कथित तौर पर भारतीय उत्पादों के बहिष्कार की मांग की थी. कुछ सुपरमार्केट ने तो भारतीय उत्पादों को अपनी अलमारियों से हटा दिया था. ऐसे में कुवैत द्वारा देशी गाय के गोबर को तवज्जो देना एक बड़ा फैसला है.

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