Breaking NewsBUSINESSEDUCATIONKERALA

पिता चाहते थे बेटा बने कुली, बेटे ने खड़ा किया 200 करोड़ का बिज़नेस एम्पायर, प्रेरणा भरी है कहानी

आज जितने भी धन कुबेर और बड़े बोगनेसमैन हैं, उनमे से 90 पीसदी लोग शुरू से ही धनवान नहीं थे या धनि माता पिता की संतान नहीं थे। उन्होंने अपनी मेहनत और बिजनेस आईडिया (Business Idea) के बल पर वह मुकाम हासिल किया हैं। फिर चाहे वह बिल गेट्स हों या मार्क ज़करबर्ग हों या अडानी हों।

Sponsored

ऐसे ही एक गरीब कुली के बेटे ने अपनी लगन और मेहनत के दम पर बड़ी कामयाबी हासिल की हैं, जिसकी चर्चा हर कोई करता है। आरम्भ में कुछ असफलताओं के बावजूद इस युवा ने हार नहीं मानी और ना ही निराश हुए। अपनी असफलताओं से ही सीख लेते हुए सफलता हासिल करने का उदाहरण पेश किया।

Sponsored

भारत में दक्षिण में स्थित राज्य केरल के वयनाड गांव के एक गरीब अनपढ़ कुली परिवार से आने वाले मुस्तफा (PC Musthafa) के जीवन में बहुत संघर्ष रहा। जब वो 6th क्लास की परीक्षा में फेल हो गए थे, तब उनके पिता चाहते थे कि वह भी उनकी भाँती बगीचे में कुली का काम करे। परन्तु फेल होने के बाद भी वे पढ़ाई नहीं छोड़ना छाते थे।

Sponsored

पहली नौकरी मोबाइल बनाने वाली कंपनी में की

Sponsored

कम संसाधनों के बीच भी उन्होंने अपना संघर्ष और मेहनत लगातार जारी रखी। फिर कुछ सालों बाद उन्होंने कालिकट के नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी (एनआईटी) के इंजीनियरिंग कोर्स में एडमिशन लेने में सफल हुए। अच्छे से पढाई पूरी करने के बाद उनकी पहली नौकरी मोबाइल बनाने वाली कंपनी मोटोरोला में लगी। कंपनी ने उन्हें एक प्रोजेक्ट के लिए लंदन भेज दिया।

Sponsored

कुली का बेटा लंदन (London) चला गया, यह भी किसी सपने से कम ना था। कुछ दिनों तक काम करने के बाद मुस्तफा ने सिटीबैंक नाम की कंपनी में जॉब ले लिया। बैंक के प्रौद्योगिकी विभाग में काम करते हुए उन्होंने 7 साल रियाद और दुबई में लगा दिए।

Sponsored

भाई की किराना दूकान पर बिजनेस आईडिया आया

Sponsored

फिर आगे की पढाई और अपने देश वापस आने की ललक में उन्हें नौकरी छोड़नी पड़ी और भारत लौट आये। भारत के सम्मानीय संस्थान आईआईएम बेंगलुरु (IIM Bangalore) में उन्होंने MBA करने के लिए एडमिशन लिया। एक वक़्त वीकेंड के दौरान मुस्तफा अपने भाई की एक किराना दूकान पर कुछ समय बिताया करते थे। यहां उन्होंने देखा कि महिलाएं इडली और डोसा के लिए बैटर खरीदकर ले जाती थीं।

Sponsored

मुस्तफा (PC Musthafa) ने यह सब देशकार खुद के एक पैकेजिंग फ़ूड की कंपनी (Food Packaging Company) खोलने पर मन बनाया। अपनी पहले की जॉब से बचत किये हुए 14 लाख रुपए से उन्होंने नए कारोबार की शुरुआत की। अपने रिश्ते के भाइयों की मदद से उन्होंने घोल को तैयार करके पैक करने वाली कुछ मशीनों को ख़रीदा और “आईडी फ्रेश” (ID Fresh) नाम की एक ब्रांड कड़ी की।

Sponsored

Comment here