रेल मंत्री को अलॉट हुआ रामविलास पासवान का सरकारी बंगला, अब चिराग को बदलना पड़ेगा LJP का पता, जानें क्यों : लोक जनशक्ति पार्टी (Lok Janshakti Party) के संस्थापक और दिवंगत पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) का दिल्ली में 12 जनपथ स्थित सरकारी बंगला अब रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishna) को दिया गया है. यह बंगला पासवान को 31 साल पहले आवंटित किया गया था. जानकारी के मुताबिक, शहरी विकास एवं आवास मंत्रालय के अधीन संपदा निदेशालय ने 14 जुलाई को चिराग पासवान (Chirag Paswan) को इस बंगले को खाली करने का नोटिस भेजा था. जबकि अपनी मां के साथ रह रहे लोकसभा सांसद चिराग ने अपने पिता की बरसी तक इस बंगले में रहने की अनुमति मांगी थी.
बता दें कि यह बंगला लुटियन दिल्ली में बने सरकारी बंगलों में सबसे बड़े आवासों में से एक है, जोकि लोक जनशक्ति पार्टी का आधिकारिक पता भी रहा है. इसे रामविलास पासवान पार्टी कार्यालय के तौर पर भी इस्तेमाल करते थे. हालांकि अब एलजेपी का नया पता कौन सा होगा, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा. हालांकि इससे पहले 12 जनपथ वाला सरकारी बंगला रामविलास पासवान के भाई और चिराग पासवान के चाचा केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस को अलॉट होने वाला था, लेकिन उन्होंने इसे लेने इंकार कर दिया था, क्योंकि इससे बिहार की सियासत में गलत संदेश जाता. वैसे एलजेपी को लेकर चिराग और उनके चाचा पशुपति में खींचतान चल रही है. एक तरफ सांसद पशुपति कुमार पारस ने खुद को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर रखा है, तो दूसरी तरफ चिराग आशीर्वाद यात्रा के के सहारे बिहार में अपना जनाधार बचाने में जुटे हुए हैं.
पशुपति कुमार पारस को मिला शरद यादव बंगला : इसके अलावा पूर्व सांसद शरद यादव के आधिकारिक बंगले को केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री पशुपति कुमार पारस को आवंटित किया गया है. शरद यादव सात तुगलक रोड पर स्थित बंगले में रह रहे थे.
पिछले साल हुआ था रामविलास पासवान का निधन : बिहार के दलित नेता और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का लंबी बीमारी के बाद 8 अक्टूबर 2020 में निधन हो गया था. वे 74 साल के थे. वह अपने राजनीतिक सफर में केंद्र की राजनीति में हमेशा बने रहे. यही कारण है कि उन्होंने देश के पांच प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया. पहली बार उन्होंने 1969 में विधानसभा चुनाव जीता था और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. जबकि 1997 में वह पहली बार लोकसभा सांसद बने और वह 9 बार चुनाव जीतने में सफल रहे थे.
input – daily bihar
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