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गेटवे ऑफ इंडिया से भी ऊँचा है बिहार का सभ्यता द्वार, गंगा किनारे स्थित है प्राचीन बिहार का गौरव

शांत वातावरण, गंगा की ठंडी हवाएं, आकर्षित करता गार्डन और गंगा ड्राइव… एक साथ आपको नजर आए तो समझ जाइए कि आप पटना के सभ्यता द्वार पर हैं।राजधानी पटना के गंगा किनारे सभ्यता द्वार लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गया है।

बिहार और प्राचीन पाटलिपुत्र के गौरव का अहसास कराते हुए सभ्यता द्वार ने सदियों की गौरवगाथा को समेटा है। इस पर जैन तीर्थंकर वर्द्धमान महावीर के संदेश हैं, तो सारी दुनिया को प्रतीत्य समुत्पाद और मध्यमप्रतिपदा से परिचित करानेवाले बुद्ध के संदेश भी हैं।

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गांधी मैदान के उत्तर और अशोका इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर परिसर के पीछे बना यह द्वार बिहार का लैंड मार्क बन गया है। इस सभ्यता द्वार की खूबसूरती देखते ही बनती है। इस द्वार पर एक तरफ सम्राट अशोक और महात्मा बुध तो दूसरी तरफ महावीर और मेगास्थनीज की वाणी को स्थान दिया गया है।

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Civilization Gate built north of Gandhi Maidan and behind Ashoka International Convention Center complex

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सभ्यता द्वार बलुआ पत्थर आर्क से निर्मित गंगा के किनारे स्थित है। सभ्यता द्वार के शीर्ष पर चार शेर वाला अशोक स्तंभ बना है। सभ्यता द्वार पर वैशाली के अशोक स्तम्भ के चार सिंह वाला प्रतीक तत्कालीन मगध और आधुनिक राष्ट्र के बीच सेतु का काम कर रहा है।

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होता है अद्भुत शांति का अहसास

सभ्यता द्वार पर आने के बाद अद्भुत शांति का अहसास होता है। यहां गार्डन में रंग बिरंगी रोशनी और फूल लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं।

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Sabhyata Dwar is situated on the banks of the Ganges built of sandstone arch.

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शाम के समय खूबसूरत लाइटिंग सभ्यता द्वार में नजर आती है। यह सभ्यता द्वार प्राचीन बिहार की गौरव गाथा बयां करता है।

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गेट वे ऑफ इंडिया से भी ऊँचा

सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र कैंपस में पांच करोड़ रुपए की लागत से 32 मीटर ऊंचे और 8 मीटर चौड़े सभ्यता द्वार का निर्माण करवाया गया है।

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The Sabhyata Dwar of Bihar is higher than the Gateway of India

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यह मुंबई के गेट वे ऑफ इंडिया (26 मीटर) से भी 6 मीटर और पटना के गोलघर (29 मीटर) से 3 मीटर अधिक ऊंचा है। इसका पूरा परिसर एक एकड़ में फैला है।

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बिहार के गौरव को दिखाता है सभ्यता द्वार

इस सभ्यता द्वार में शांत म्यूजिक हमेशा बजता रहता है; जो शाम के समय लोगों को खूब भाता है। सभ्यता द्वार में एंट्री फी नहीं रखी गई है क्योंकि यह द्वार बिहार के गौरव को दिखाता है। इस द्वार से बिहार की खूबसूरती दिखती है। यही वजह है कि शाम के समय लोग यहां आते हैं।

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Civilization gate shows the pride of Bihar

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मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया, दिल्ली का इंडिया गेट और फतेहपुर सीकरी के बुलंद दरवाजा की शृंखला में पटना का यह सभ्यता द्वार भी है, जो लोगों को बिहार के प्राचीन गौरवशाली पाटलिपुत्र का अहसास दिलाता है।

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सदा जीवन त्याग और ज्ञान के प्रति उत्प्रेरित रहे का सन्देश

इसका निर्माण कार्य 20 मई 2016 से प्रारंभ हुआ था और 1 दिसंबर, 2018 को सभ्यता द्वार का उद्घाटन हुआ। हर कोई सभ्यता द्वार में सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक प्रवेश कर सकता है।

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सभ्यता द्वार पाटलिपुत्र के उस गौरवशाली दौर में ले जाने में सक्षम है जब पाटलिपुत्र अंतरराष्ट्रीय व्यापार का केन्द्र था। सभ्यता द्वार के सामने साम्राट अशोक की प्रतिमा स्थापित की गई है जो हमे संदेश देती है कि सदा जीवन त्याग और ज्ञान के प्रति उत्प्रेरित रहे।

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