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गंगा के रास्ते बक्सर पहुँचा 500 टन वजनी पॉवर प्लांट का टरबाइन, हादीपुर घाट से प्लांट परिसर पहुंचने में लगा 3 दिन

बिहार के बक्सर जिले में बन रहे थर्मल पावर प्लांट के लिए 3 घंटे रेलवे बंद करने के बाद 500 टन का टरवाईन जनरेटर काफी मशक्कत के बाद बन रहे थर्मल पावर परिसर में सुरक्षित पहुंचा। बिजली तैयार करने में इसका अहम भूमिका माना जा रहा है। हादीपुर घाट से पिछले दिन शाम 4 बजे रवाना हुआ जो शनिवार की दोपहर 12:00 बजे थर्मल पावर कैंपस पहुंच चुका है। 192 चक्का वाला ट्रेलर ट्रक को इसे सुरक्षित पहुंचने के लिए तीन दिन का समय 5 किलोमीटर की दूरी तय करने में लग गया।

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शनिवार को चौसा के स्थित 78/A रेलवे गुमटी को पार कर आने के लिए रेलवे विभाग के अधिकारी और कर्मचारी समय से गाटर और पहुंच तार को ऊपर उठा दोपहर 12:00 से पूर्व को पार करने में सफलता प्राप्त किया उसके बाद रेलवे रूट को सुचारू कर दिया गया। हालांकि रेलव समय पर अनुमति दी थी जिस समय ब्लॉक के वजह से कोई ट्रेन को अधिक इंतजार नहीं करना पड़ा।

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प्रतीकात्मक चित्र

बक्सर के चौसा में भारत सरकार की सबसे बड़ी प्रोजेक्ट 1320 मेगा वॉट थर्मल पॉवर का निर्माण काफी तेजी से चल रहा है। 660MW की दो प्लांटों में एक प्लांट को 2023 में शुरू करने के लिए तेजी से काम चल रहा है। जिस को शुरू करने के मुख्य मशीन टरबाईन जनरेटर को समुद्री मार्ग से गुजरात से कोलकाता फिर गंगा नदी के रास्ते बक्सर के हादीपुर घाट पर पहुंचा। जहां से सड़क मार्ग होते हुए थर्मल पावर कैंपस में 5 किलोमीटर की दूरी तय कर सुरक्षित पहुंचा। इसके लिए 3 घंटे 9:00 बजे से 12:00 बजे तक रेलवे मार्ग को ब्लॉक किया गया था।

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बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 मार्च 2019 को 1320 मेगावाट के इस यूनिट की नींव रखी थी। केंद्रीय विद्युत मंत्री कार्यालय और पीएमओ के द्वारा लगातार इसकी मॉनिटरिंग की जा रही है। ग्रीन फील्ड सुपरक्रिटिकल तकनीक वाली इस परियोजना की लागत तकरीबन 11 हजार करोड़ रुपए है। इसे SJVN की मालिकाना वाली कंपनी SJVN थर्मल प्रा लिमिटेड बना रही है। समझौते के मुताबिक इस प्लांट का 85 प्रतिशत बिजली बिहार को सप्लाई किया जाएगा।

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