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गंगाजल आपूर्ति योजना से इन जिलों के लोगों को होगी पेयजल की आपूर्ति, लाखों की आबादी को होगा लाभ

बिहार की भौगोलिक स्थिति इस कदर है कि कभी बाढ़ तो कभी सुखाड़ का सामना करना पड़ता है। बिहार के दक्षिणी जिले ऐसे हैं, जहां के लोगों के लिए जल की समस्या बनी रहती है। इसी समस्या को देखते हुए सीएम नीतीश कुमार ने गंगा जल आपूर्ति योजना की शुरुआत 2020 में की थी, जिसका सफल ट्रायल 11 मई और 15 मई को किया गया। इस योजना से नवादा, गया और नालंदा के लिए के लाखों लोगों को पीने के लिए शुद्ध जल मिलेगा। इस योजना के तहत पाइप लाइन के जरिए 90 किलोमीटर की दूरी तय कर गंगा का पानी राजगीर के रास्ते मोकामा से गया तक लाया गया।

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इस योजना के तहत टोटल 150.58 किमी. पाइप लाइन में अब तक 148.3 किलोमीटर में पाइप बिछाने का काम पूरा हो गया है। हाथीदाह से डिटेन्शन टैंक- सह-पम्प हाउस, राजगीर तक टोटल 91 किलोमीटर में पाइपलाइन बिछा लिया गया है। सबसे प्रथम मोकामा के हाथीदह स्थापित हैवी सुपर पावर मोटर के माध्यम से गंगा का पानी अपलिफ्ट करके पाइप के माध्यम से राजगीर के गिरियक में बना डिटेंशन टैंक में पहुंच रहा है।

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प्रतीकात्मक

मोकामा से निकलने वाले गंगा के पानी को सबसे प्रथम राजगीर में बना हुआ डिटेंशन टैंक में स्टोर होगा। फिर डिटेंशन टैंक से गंगाजल को गिरियक में बन‌ रहे रिजर्वायर में स्टोर करने की योजना है, जिससे 8 महीने शहर के लोगों को पानी की सप्लाई होती रहेगी। बता दें कि बरसात के दिनों में ही गंगा से जल की सप्लाई 4 महीने तक होगी बाकी 8 महीने रिजर्वायर से सप्लाई होगी।

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इस योजना में कुल 4174.81 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इस स्कीम के तहत गंगा पानी को गया और नवादा में भी पहुंचाया जा रहा है। इस योजना के तहत राजगीर के पास राजगीर जलाशय का निर्माण, राजगीर शहर में पेयजल की आपूर्ति के लिए जलशोधन उपकरण का निर्माण, राजगीर डिटेन्शन टैंक व पम्प हाउस, गया के मोहरा प्रखंड में तेतर जलाशय का निर्माण और मानपुर ब्लॉक में आरसीसी टैंक एवं बोधगया व गया शहर में पेयजल की आपूर्ति के लिए जल शोधन उपकरण का निर्माण अंतिम दौर में चल रहा है।

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नवादा शहर में पेयजल की आपूर्ति के लिए पौरा के पास जल शोधन उपकरण का काम तेजी से चल रहा है। राजगीर, गया, बोधगया और नवादा में पेयजल की आपूर्ति के लिए वितरण प्रणाली से जुड़े हुए काम शुरू हो चुके हैं। योजना का तकरीबन 86 फीसद का पूर्ण हो चुका है। जून, 2022 तक योजना को पूरा करने का टारगेट है। इस परियोजना को साल 2051 तक जनसंख्या के मद्देनजर बनाया गया है। नालंदा के राजगीर के अलावा नवादा और गया जिले के लोगों को स्वच्छ पेयजल के तौर पर गंगा का पवित्र जल उपलब्ध कराई जाएगी।

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