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कॉलेज में हिं’दू लड़की के प्यार में पागल हो गए थे शहनवाज हुसैन, आखिरकार रेणु से शादी करके लिया दम

Patna: सैयद शाहनवाज हुसैन (Syed Shahnawaz Hussain) भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय प्रवक्ता और वर्तमान में बिहार राज्य के उद्योग मंत्री है. 1968 में बिहार के सुपौल में जन्मे शाहनवाज हुसैन के पास पटना और दिल्ली से इंजीनियरिंग में डिप्लोमा है. उन्होंने विलियम्स हाई स्कूल, सुपौल से अपने उच्च माध्यमिक पूरा किया. वह तीन बार लोकसभा सांसद (1999, 2006, 2009) रह चुके हैं वर्तमान में वो बिहार विधान परिषद सदस्य हैं.

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शाहनवाज हुसैन के बारे में इतना तो हर कोई जानता ही है, लेकिन बात अगर उनके राजनीतिक करियर से दूर उनकी निजी लाइफ कि करें तो शाहनवाज की लव स्‍टोरी (Love Story) के भी खूब चर्चे रहे हैं. इनकी लव स्टोरी फिल्मी कहानी से कम नहीं है. किसी फिल्मी हीरो की तरह अपने प्यार को पाने के लिए शाहनवाज ने भी खूब पापड़ बेले हैं. पहली नजर में प्यार फिर हल्की टक्कर, दूरियां, घर वालों के चलते मजबूरियां हर तरह से ये कहानी एक सुपरहिट फिल्म से कम नहीं है.

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कहानी की शुरुआत कुछ ऐसे हुई-

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1986 में शाहनवाज अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहे थे. इस दौरान वे अक्सर बस से कॉलेज आया-जाया करते थे. एक दिन शाहनवाज बस में सफर कर ही रहे थे की अचानक उनकी नजर एक लड़की पर पड़ी. अगर कहें कि उस लड़की को देखते ही शाहनवाज उन पर फिदा हो गए तो कुछ गलत न होगा, लेकिन इससे पहले शाहनवाज कुछ कह पाते कि वो लड़की कहीं खो गई. पर शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. अचानक गायब हुई लड़की एक बार फिर उनके सामने खड़ी होती है. इस बार मौका ना गवाते हुए शाहनवाज ने लड़की को फॉलो करना शुरू कर दिया.

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कई बार बस में हुई मुलाकात के बाद एक दिन ऐसा मौका भी आया जब बस में शाहनवाज को तो सीट मिल गई, लेकिन उस लड़की को नहीं मिली, बस फिर क्या था शाहनवाज ने बिना एक पल सोचे उसे अपनी सीट ऑफर कर दी. लड़की को सीट मिली और शाहनवाज को उसे करीब से जानने को मौका. लेकिन कहते हैं ना कि वो जंग ही क्या जिसे आसानी से जीत लिया जाए, कुछ ऐसा ही मोड़ शाहनवाज की मोहब्बत के सफर में आया, जहां एक पल के लिए तो ऐसा लगा कि इश्क, मोहब्बत, प्यार-व्यार सब यहीं खत्म होने वाला है.

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लड़की को करीब से जानना शाहनवाज के लिए कुछ ऐसा साबित हुआ जैसे बिरयानी खाते हुए इलायची मुंह में आ गई हो. मगर अब तो प्यार परवान चढ़ रहा था. ये धर्म की बाते कहां बीच में आने वाली थी. शाहनवाज ने इस ब्रेकर को नजरअंदाज कर दिया और स्पीड ब्रेकर को चकमा देते हुए साइड से निकल लिए. गाड़ी की स्पीड भी कम नहीं हुई और जो हुआ वो वाकई यादगार किस्सा बन गया.

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दिन निकलते गए और दो अजनबियों के बीच बस से शुरू हुआ रिश्ता दोस्ती में बदलता चला गया. लेकिन शाहनवाज तो कुछ और ही चाहते थे. रेणु से पहली नजर वाला प्यार जो कर बैठे थे. ये प्यार अब धीरे-धीरे हवा पकड़ रहा था और आखिरकार रेणु के जन्मदिन पर शाहनवाज ने एक ग्रीटिंग कार्ड के जरिए अपने दिल का हाल बयां कर दिया. शाहनवाज ने पहला कदम बढ़ा तो दिया था लेकिन नतीजा जैसा सोचा था वैसा कुछ नहीं निकला. उलटा रेणु ने उनका प्यार भरा खत स्वीकारने से ही मना कर दिया. रेणु का कहना था कि शाहनवाज मुस्लिम है और वे हिन्दू इसलिए उनका एक होना मुमकिन नहीं है.

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वो कहते है ना कि प्यार में अक्सर पहले हार होती है, थोड़ी तकरार होती है और फिर जाकर कहीं… खैर, रेणु की इस ‘ना’ से शाहनवाज का दिल मानो दर्द से कराह रहा था. लेकिन दूसरी तरफ शाहनवाज ने ठान लिया था कि शादी करेंगे तो बस रेणु से.रेणु ने अलग-अलग धर्म होने की वजह से शाहनवाज के दिल की बात को तो ठुकरा दिया, लेकिन दोस्ती खत्म नहीं की. इसी दौरान दोनों एक दिन रेणु के किसी परिवार वाले के यहां आयोजित पार्टी में पहुंचे. परिवार के लोग समझ चुके थे कि दोनों के बीच कुछ चल रहा है.

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बस में साथ-बैठकर आने-जाने का सिलसिला अब रेणु के घर तक पहुंच गया था. धीरे-धीरे रेणु को भी समझ में आ ही गया कि ये महज दोस्ती नहीं है बल्कि वो भी शाहनवाज को पसंद करने लगी हैं और आखिरकार उन्होंने हुसैन को ‘आई लव यू’ बोल अपने प्यार का इजहार कर ही दिया.चलिए मुश्किल से सही पर उम्मीद की कुछ किरणें नजर आने लगी थी. लड़की मान चुकी थी अब बाकी था तो उसके घरवालों को मनाना. लेकिन बता दें कि उस जमाने में दूसरे धर्म में शादी करना टेढ़ी खीर थी.

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मगर जहां चाह वहीं तो राह है!

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अपने विनम्र स्वभाव और हंसमुख बातचीत के लहजे से शाहनवाज ने रेणु के घरवालों को इंप्रेस करने का भरपूर प्रयास किया और आखिर 9 साल के लंबे इंतजार के बाद घर वालों को भी दोनों के प्यार के आगे झुकना ही पड़ा.1994 में शाहनवाज हुसैन और रेणु ने घरवालों की रजामंदी से शादी कर ली. आज दोनों के दो बच्चे (अदीब हुसैन और अरबाज हुसैन) हैं.

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घर में ईद व होली-दिवाली, दोनों धर्मों के त्योहार मनाए जाते हैं. दोनों के बीच की बॉन्डिंग को लेकर रेणु पहले कई बार कह चुकीं हैं कि शाहनवाज बेहद प्यारे, सरल और हंसमुख इंसान हैं. एक इंटरव्यू में रेणु ने बताया था कि शादी के बाद शाहनवाज उनका हाथ थामकर उन्हें स्कूल तक छोड़ने जाते थे. वाकई इस प्रेमी जोड़े ने साबित कर ही दिया कि मोहब्बत ना कोई धर्म देखती है न जाति.

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