पटना के फुलवारीशरीफ में देशविरोधी गतिविधियों में संलिप्तता मामले में एटीएस की टीम ने दो और को उठाया है। सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि बिहार एटीएस (Bihar ATS) ने दो संदिग्धों को फुलवारीशरीफ इलाके से पकड़ा है। फुलवारीशरीफ थाने ले जाकर उनसे पूछताछ की जा रही है। इस कार्रवाई के बाद आठ सदस्यीय स्पेशल टीम ने पटना के पीरबहोर थाना क्षेत्र के सब्जीबाग इलाके में भी पीएफआइ का कार्यालय होने की सूचना पर छापेमारी की है। मकान मालिक सहित दो को हिरासत में लिया गया है। पुलिस दोनों को साथ लेकर चली गई। कमरे में बैनर, पोस्टर सहित अन्य आपत्तिजनक सामान बरामद किए गए हैं। इससे पहले तीन संदिग्धों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। अतहर परवेज, मो जलालुद्दीन और अरमान मलिक पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं।
(सब्जीबाग में इसी मकान में छापेमारी में बरामद सामान।)
पीएफआइ के नेटवर्क का बिहार के कई जिलों से जुड़ा तार
बता दें कि पीएफआइ के नेटवर्क में कई संदिग्ध चिह्नित किए गए हैं। कुल 26 के खिलाफ एफआइआर की गई है। खास बात यह कि देशविरोधी गतिविधियों में संलिप्त इन आरोपितों में से 10 पटना जिले के रहने वाले हैं। नालंदा के मो जलालुद्दीन और शमीम अख्तर, मधुबनी के मो सलमान, पटना के सुल्तानगंज निवासी मो रसलान, फुलवारीशरीफ के इम्तियाज दाउदी, पटना के ही महबूब आलम, फुलवारीशरीफ के खलीकुर जमा, अमीन आलम, जिशान अहमद, व मंजर परवेज, वैशाली के रियाज अहमद, सारण निवासी परवेज आलम उर्फ अरशद अली के नाम एफआइआर में शामिल हैं।
पहचान छिपाकर मिशन में जुटे थे सभी
बताया जाता है कि ये सभी अपनी पहचान छिपाकर अपनी मुहिम में जुटे हुए थे। इनमें बड़े बिजनेसमैन और सरकारी कर्मी तक के नाम हैं। एफआइआर में जिस महबूब आलम का नाम है उसका पटना के एग्जिबीशन रोड में बड़ा कारोबार है। समुदायों में नफरत फैलाकर अपने मिशन को अंजाम देने में जुटे संदिग्धों तक पहुंचने में पुलिस लगी हुई है। पुलिस जेल भेजे गए संदिग्धों को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर सकती है। बता दें कि पटना के फुलवारीशरीफ इलाके में पुलिस की टीम ने छापेमारी की तो आतंकी माड्यूल का पता चला। इसके बाद तो देशभर में सनसनी फैल गई।
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