महादलित बस्ती में रहने वाली सीमा के पढ़ने के जुनून को देखकर मदद के हाथ बढ़ने शुरू हो गए हैं। जमुई के कलेक्टर ने सीमा को ट्राइसाइकिल दी ताकि वह आराम से स्कूल जा सकें। इसके अलावा आर्टिफिशियल पैर लगाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। इस बीच अभिनेता सोनू सूद ने भी सीमा की मदद करने की बात कही है।
10 वर्षीय महादलित दिव्यांग छात्रा सीमा के संघर्ष और कठिनाइयों के दिन जल्द ही खत्म हो सकते हैं। एक पैर से दिव्यांग सीमा रोजाना 500 मीटर से ज्यादा की दूरी तय कर स्कूल पढ़ने जाती थीं।
मीडिया पर उनकी कठिनाइयों से जुड़ी दास्तान को प्रमुखता से दिखाया गया था। इसके बाद अब उनकी मदद के लिए शासन-प्रशासन के साथ ही अन्य लोग और संगठन भी आगे आने लगे हैं।
जमुई के कलेक्टर ने बुधवार को सीमा के घर पहुंचकर उन्हें एक ट्राइसाइकिल भेंट की। साथ ही कई तरह के और भी वादे किए। सीमा को आर्टिफिशियल पैर लगाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
सीएम अंकल मुझे पढ़ना है…मुझे आगे बढ़ना है, मेरी मदद कीजिए…
इसके अलावा शिक्षा विभाग ने भी सीमा की ओर मदद का हाथ बढ़ाया है। इन सबके बीच सीमा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भावुक आग्रह करते हुए कहा, ‘सीएम अंकल मुझे पढ़ना है…मुझे आगे बढ़ना है। मेरी मदद कीजिए…’

दिव्यांग होने के बाद भी हौसले और जज्बे के साथ पढ़-लिखकर काबिल बनने के लिए एक पैर के सहारे हर दिन स्कूल जाने वाली सीमा की मदद के लिए कई हाथ बढ़ने लगे हैं।
मीडिया पर खबर चलने के बाद डीएम समेत कई अधिकारी महादलित मजदूर की बेटी से मिलने उनके घर पहुंचे। कई संगठनों ने दिव्यांग सीमा को मदद करने का भरोसा दिया है। सीमा 2 साल पहले एक हादसे का शिकार हो गई थी।
इसमें उनका एक पैर खराब हो गया था। इसके बावजूद सीमा के पढ़-लिखकर आगे बढ़ने की जुनून के आगे परिजनों को झुकना पड़ा और स्कूल में उनका दाखिला कराया गया। आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद वह पढ़ना चाहती है।
माता-पिता की गरीबी दूर करना चाहती हैं
सीमा मजदूर मां-बाप की गरीबी को दूर करने के लिए शिक्षित होकर काबिल बनना चाहती हैं। सीमा और उनके परिवार वालों को मदद करने के लिए कई लोग सामने आ गए हैं।
शिक्षा विभाग की टीम सीमा के लिए आर्टिफिशियल पैर के लिए मेज़रमेंट करने पहुंची। वहीं, फिल्म अभिनेता सोनू सूद ने भी सीमा को आर्टिफिशियल लिंब देने का वादा किया है।
सम्बंधित ख़बरें






जिला प्रभारी मंत्री अशोक चौधरी ने भी सीमा की मदद करने की शुरुआत की है। कई सामाजिक संगठन और निजी तौर पर लोग सीमा और उसके परिवार वालों को मदद करने पहुंच गए।
डीएम ने कीं कई घोषणाएं
डीएम अवनीश कुमार सिंह भी सीमा के घर पहुंचकर छात्रा को ट्राइसाइकिल और प्रोत्साहन राशि प्रदान की। उन्होंने सीमा का हौसला भी बढ़ाया।
इस मौके पर डीएम अवनीश कुमार सिंह ने साफ तौर पर कहा कि जिस स्कूल में सीमा पढ़ती है, वहां एक अतिरिक्त भवन बनेगा। जिस महादलित बस्ती में सीमा रहती है, उसका भी कायाकल्प किया जाएगा। बस्ती में हर कच्चा मकान पक्का होगा।
पिता करते हैं दिहाड़ी का काम
कल तक जिस सीमा के पास स्कूल जाने के लिए एक बैसाखी नहीं थी उसे लोग मदद करने के लिए पहुंच रहे हैं। सीमा से जब पूछा गया कि मुख्यमंत्री और सरकार से वह क्या कहना चाहती हैं?
जवाब में सीमा कहा, ‘सीएम अंकल मुझे पढ़ना है, पढ़ लिखकर आगे बढ़ना है, मुझे मदद कीजिए।’ मौके पर मौजूद सीमा की मां बेबी देवी ने बताया कि दो साल पहले सड़क हादसे में ट्रैक्टर की चपेट में आने से सीमा का एक पैर बुरी तरह से जख्मी हो गया था।
बाद में उसे काटना पड़ा था। आपको बताते चलें कि सीमा महादलित परिवार से आती है। उनके पिता बिहार की राजधानी पटना में दिहाड़ी का काम करते हैं।