पटना : एटीएम धोखाधड़ी करने वाले साइबर अपराधियों की नजर अब बिहार की राजधानी पटना पर है. दरअसल 2020 के एनसीआरबी रिकॉर्ड के मुताबिक मेट्रोपॉलिटन सिटी मुंबई और हैदराबाद के बाद एटीएम फ्रॉड के मामले में पटना देश भर में तीसरे स्थान पर है. पटना पुलिस का भी मानना है कि यहां एटीएम फ्रॉड के मामले ज्यादा सामने आए हैं लेकिन अधिकारियों का कहना है कि इस मामले पुलिस निजात पाने की कोशिश कर रही है।
जानकारी के मुताबिक पिछले कई सालों से साइबर अपराधी पटना को सॉफ्ट टारगेट के रूप में यूज करते रहे हैं. एटीएम की धोखाधड़ी को लेकर तरह-तरह के तरीके अपनाकर साइबर क्रिमिनल्स लोगों को लगातार चूना लगा रहे हैं. इस बात का खुलासा 2020 में जारी एनसीआरबी की रिपोर्ट में भी हुआ है. एनसीआरबी की रिपोर्ट की माने तो 2020 में मुम्बई में एटीएम फ़्रॉड के 196 और हैदराबाद में 96 मामले आए जबकि राजधानी पटना में इस तरह के 86 मामले आईटी एक्ट के तहत दर्ज किए गए. जाहिर सी बात है देश भर में पटना का तीसरे नंबर पर होना कई सवाल खड़े करता है.
यहां साइबर क्रिमिनल्स जिस तरीके से सक्रिय हैं वह पुलिस के लिए लगातार चुनौती बनी हुई है. पटना के एसएसपी उपेंद्र शर्मा भी मानते हैं कि एटीएम फ्रॉड केस अधिक अधिक संख्या में दर्ज किए गए हैं एनसीआरबी के रिकॉर्ड के अनुसार 2020 में राजधानी पटना में प्रत्येक एक लाख की आबादी पर 49.7 मामले आर्थिक अपराध से जुड़े रहे हैं
एनसीआरबी के आंकड़ों की मानें तो 2020 में बिहार में एटीएम फ्रॉड के 642 मामले दर्ज हुए हैं. ऑनलाइन बुकिंग के 105 मामले और ओटीपी के 8 मामले दर्ज किए गए हैं. आर्थिक अपराध के 46 और धोखाधड़ी के 62 मामले पुलिस द्वारा दर्ज किया गया है. पिछले सालों के मुकाबले 2020 में राज्य में आर्थिक अपराध के ग्राफ में कमी भी देखने को मिली है. साल 2018 में बिहार में आर्थिक अपराध के 1264 केस दर्ज किए गए थे जबकि 2019 में इस तरह के अपराधों की संख्या बढ़कर 1535 हो गई थी लेकिन 2020 में यह गिरकर 1017 तक पहुंच गया है. पटना के एसएसपी का दावा है की राजधानी में एटीएम फ्रॉड समय दूसरी आर्थिक अपराधों की कमी के लिए पुलिस लगातार लोगों को जागरूक करने के अलावा कानूनी तरीके से भी अंकुश लगाने की रणनीति पर काम कर रही है।
input – DTW 24
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