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सफलता की कहानी: बढ़ई का बेटा बना स्टेट टॉपर, Corona काल में स्कूल हुए बंद तो सेल्फ स्टडी पद किया फोकस

बिहार बोर्ड का 12वीं का रिजल्ट घोषित कर दिया गया है। नवादा के सौरव कुमार और औरंगाबाद जिले के दाउदनगर का अर्जुन 12वीं के साइंस टॉपर हैं। दोनों ने साइंस में 472 अंक प्राप्त किया है। सौरव के पिता बढ़ई मिस्त्री हैं। टॉपर घोषित होने से पहले अर्जुन का बोर्ड में इंटरव्यू हुआ। उससे हिंदी और इंग्लिश में परिचय लिखाकर हैंड राइटिंग मिलाई गई। हर विषय के टीचर ने सवाल किए। जानिए टॉपर की कहानी…

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काशीचक प्रखंड के एक छोटे से गांव उपरावां के बढ़ई मिस्त्री के बेटे सौरव ने साइंस में परचम लहराया है। जिला मुख्यालय स्थित केएलएस कॉलेज नवादा का छात्र है। सौरव ने बताया कि परीक्षा में अच्छे अंक आने की पूरी उम्मीद थी। उसे विश्वास था कि स्टेट टाप टेन में जगह मिलेगी, लेकिन स्टेट टॉपर बनने की उम्मीद भी नहीं की थी।

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सौरव के पिता शत्रुघ्न मिस्त्री चेन्नई में बढ़ई मिस्त्री का काम करते हैं। मां बबीता देवी गृहिणी हैं। उसने बताया कि प्रारंभिक पढ़ाई गांव के ही एक सरकारी विद्यालय से हुई। फिर नवादा शहर स्थित कन्हाई स्कूल से दसवीं तक की पढ़ाई की। कोरोना काल में लॉकडाउन में उसने सेल्फ स्टडी जारी रखी। जिसका परिणाम सभी के सामने है।

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मैट्रिक में जिला सेकेंड टॉपर था
सौरव ने बताया कि वह इसके बाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में दाखिला लेना चाहता है। यूपीएससी में सफलता हासिल करना उसका सपना है, जिसे वह निश्चित पूरा करेगा। इसके लिए अभी से ही तैयारी कर रहा है। बता दें कि सौरव मैट्रिक में जिला सेकेंड टॉपर रहा था। उसे 464 अंक प्राप्त हुआ था।

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दाउदनगर का अर्जुन भी स्टेट टॉपर
अर्जुन ने आठवीं तक की पढ़ाई दाउदनगर के ही निजी स्कूल में किया था। इसके बाद की पढ़ाई के लिए उसका दाखिला सरकारी स्कूल में किया गया। वहीं इंटर की पढ़ाई दाउदनगर के अशोक प्लस टू स्कूल से पूरा हुआ है।

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डॉक्टर बनकर वह अपने लोगों के बीच रहकर उनकी सेवा करना चाहता है। अर्जुन ने बताया कि अगर एकाग्रता के साथ किसी चीज को लक्ष्य बनाकर मेहनत की जाए तो काेई काम असंभव नहीं है। हर हाल में सफलता मिलती है। उसने अपनी सफलता का श्रेय अपने गुरूजनों व परिजनों को दिया।

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पिता हैं पेशे से ठेकेदार, मां गृहणी
अर्जुन के पिता लक्ष्मी प्रसाद एक छोटे ठेकेदार हैं। जबकि उसकी मां मरछी देवी गृहिणी हैं। अर्जुन की इस सफलता से उसके माता-पिता काफी खुश हैं। उन्होंने बेटे को मिठाई खिलाकर सफलता के लिए बधाई दिया। अशोक इंटर स्कूल के शिक्षकों ने भी उसे बुलाकर मिठाई खिलाया और उसे बधाई दी। शिक्षकों ने बताया कि अर्जुन शुरू से ही पढ़ने में तेज था। मन लगाकर पढ़ाई करता था। उसकी मेहनत रंग लाई। जिसके बाद सफलता का परचम लहराया।

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12 मार्च को इंटरव्यू के लिए आया था फोन
अर्जुन ने बताया कि 12 मार्च को इंटरव्यू के लिए उसके पास फोन आया था। उसे निर्देश दिया गया कि 13 या 14 मार्च को बिहार बोर्ड ऑफिस में 10 बजे पहुंचना है। इंटरव्यू के बारे में अर्जुन ने कहा, ‘सबसे पहले हिंदी और अंग्रेजी में परिचय लिखवाया गया। इसके बाद उसका राइटिंग टेस्ट लिया गया। इसका मकसद यह पता करना था कि आंसर शीट में मेरी राइटिंग है या नहीं। इसके बाद हिंदी के शिक्षक के पास भेजा गया। जहां पूछा गया कि सुभद्रा कुमारी चौहान ने कौन सी कविता लिखी है। उसने बताया कि इसी तरह उसे अंग्रेजी के शिक्षक के पास भेजा गया। बारी-बारी सभी शिक्षकों के पास भेजकर टेस्ट लिया गया।’

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INPUT: Bhaskar

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