मुजफ्फरपुर। शादी का झांसा देकर दुष्कर्म के बाद किशोरी के बिनब्याही मां बनने के मामले में मोतीपुर के महमदपुर के दीपक पासवान को दोषी करार दिया गया है। उसके पिता धर्मनाथ पासवान को बरी कर दिया गया है। मामले के सत्र विचारण के बाद एडीजे-सात व विशेष पाक्सो कोर्ट के न्यायाधीश दीपक कुमार ने उसे दुष्कर्म व पाक्सो की धारा के तहत दोषी ठहराया है। विशेष कोर्ट में शुक्रवार को सजा के बिंदु पर सुनवाई होगी। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक (पाक्सो) अजय कुमार ने कोर्ट के समक्ष साक्ष्य रखे। घटना के समर्थन में कोर्ट के समक्ष सात गवाहों को पेश किया।
ये है मामला
घटना दो साल पहले सरैया थाना क्षेत्र के एक गांव की है। दीपक उस गांव में जीजा के यहां रहता था। इसी दौरान किशोरी से उसका संपर्क हुआ। शादी का झांसा देकर उसने किशोरी के साथ दुष्कर्म किया। इससे वह गर्भवती हो गई। इसके बाद जब किशोरी ने शादी का दबाव बनाया तो दीपक ने इन्कार कर दिया।
किशोरी के बयान पर 16 अगस्त 2019 को सरैया थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई। इसमें दीपक और उसके पिता धर्मनाथ पासवान सहित आधा दर्जन लोगों को आरोपित बनाया गया था। पुलिस ने चार अन्य आरोपितों के खिलाफ जांच जारी रखते हुए 29 जनवरी 2020 को दीपक व धर्मनाथ पासवान के खिलाफ विशेष कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।
पंचायत में किशोरी के स्वजनों से हुई थी मारपीट
मामला सामने आने पर पंचायत बुलाई गई। इसमें किशोरी के स्वजनों ने दोनों की शादी कराने का दबाव बनाया। इससे विवाद हो गया। युवक के स्वजनों ने किशोरी व उसके स्वजनों के साथ मारपीट की थी। युवक के परिवार वाले किसी भी हालत में शादी के लिए तैयार नहीं थे। विवाद बढ़़ने के बाद मामला कोर्ट में पहुंचा। युवती के स्वजन पहलेे इस घटना को अपने स्तर से ही निपटाना चाहते थे। लेकिन लड़़के के घर वाले तैयार नहीं हुए।
Input: JNN
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