मधुबनी। प्लूरल्स पार्टी की पुष्पम प्रिया ने गुरुवार को बिस्फी प्रखंड क्षेत्र का भ्रमण कर बाढ़ पीडितों का दर्द जाना। उन्होंने चहुटा, रघौली, बलहा, भैरबा बिस्फी, जगबन सहित दर्जन भर गांवों मे जाकर बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की। बलहा गांव में पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि गरीबों के घरों में एक सप्ताह से पानी है। इन्हें देखने वाला कोई नहीं है। यहां नावें नही हैं।
यदि कहीं नावें भेजी गई तो पतवार की व्यवस्था नही की गई। लोगों को पिछले वर्ष का भी फसल क्षति की सहायता भी नहीं मिली। कुछ लोगों को ही राशि दी गई। वंचित लोग अब तक प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। अस्पताल की चर्चा करते हुए कहा कि यहां इस बाढ के समय में भी सर्पदंश की दवा नहीं है। जिदा इंसान को मृत कह दिया जाता है। कहा कि स्थानीय शत्रुघ्न सहनी ने यह जानकारी दी है। कहा कि प्रखंड मे कोई भी काम बिना नजराना दिए नहीं होता।
सत्ता दल के लोग पटना से यहां आकर क्षेत्र का दौरा तो करते हैं, लेकिन सहायता के नाम पर कुछ नहीं। उन्होनें सरकार को चेताया कि अविलंब बाढ पीड़ितों की सहायता करें अन्यथा प्लूरल्स पार्टी चुप नहीं बैठेगी। बाढ़ क्षेत्र घोषित हो बेनीपट्टी, फसल क्षति का मिले मुआवजा : ई. नवीन चंद्र समाजसेवी ई. नवीनचंद्र झा ने बेनीपट्टी प्रखंड के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने के बाद सरकार एवं प्रशासन से बेनीपट्टी प्रखंड को बाढ़ क्षेत्र घोषित कर किसानों को फसल क्षति का मुआवजा प्रदान करने की मांग की है।
समाजसेवी झा ने कहा कि बाढ़ व सुखाड़ के स्थायी निदान के प्रति सार्थक पहल नहीं होने से हर वर्ष यहां के लोगों को बाढ़ का दंश झेलना नियति बनकर रह गई है। मिथिलांचल के इस भू-भाग को हर वर्ष बाढ़ की विभीषिका का सामना करना पड़ता है। बाढ़ से बेनीपट्टी प्रखंड में भारी तबाही मची है। डेढ़ दर्जन जगहों पर सड़क टूटकर ध्वस्त हो गई है। यातायात में परेशानी उत्पन्न हो रही है। सरकार व प्रशासन जल्द से जल्द बाढ़ के दौरान टूटे सड़क को मरम्मत करा यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाएं।
बाढ़ के पानी में धान के बिचड़े, सब्जी, तील, सामा, मरूआ, मक्का सहित अन्य फसलें डूबकर बर्बाद हो गई है। भारी बारिश व बाढ़ से प्रखंड के हर पंचायत में जलजमाव की समस्या उत्पन्न हो गई है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में युद्धस्तर पर गंभीरता के साथ कोविड टीकाकरण कराए जाने, पशु चारा की व्यवस्था व पीड़ितों के बीच राहत वितरण किए जाने, गिरे घरों को मुआवजा देने की मांग की है। कहा कि बेनीपट्टी अनुमंडल प्रक्षेत्र में जुलाई से सितम्बर-अक्टूबर तक बाढ़ की संभावना बनी रहती है। टूटे व ध्वस्त बाढ़ सुरक्षा बांधों की मरम्मत कराने की आवश्यकता है। प्रखंड के हथियरवा, नवगाछी, खसियाघाट, बररी, धनुषी, विशनपुर, फूलबरिया, करहारा, समदा, सोहरौल, अंधरी, गंगुली, बिर्दीपुर, गुलरियाटोल में बाढ़ से भारी तबाही मची है।
Input: JNN
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