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Muzaffarpur; निचले इलाकों में प्रवेश करने लगा बूढ़ी गंडक का पानी, सैकड़ों घरों पर मंडरा रहा खतरा

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मानसून की दस्तक के साथ तेज बारिश से बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। इस कारण शहर से सटे सिकंदरपुर, अखाड़ाघाट इलाके में बूढ़ी गंडक नदी के निचले हिस्से में पानी प्रवेश कर रहा है। इससे करीब पांच सौ झोपड़ी पर खतरा मंडराने लगा है। जिला आपदा विभाग के कंसलटेंट मो. शाकिब ने बताया कि दो दिन पहले चार लाख क्यूसेक पानी गंडक बराज से डिस्चार्ज किया गया था। उस कारण नदी का जलस्तर अचानक बढ़ रहा था। लेकिन, शुक्रवार की रात से जलस्तर में गिरावट आएगी।

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उन्होंने कहा कि शुक्रवार को बराज से एक लाख 40 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया जो रूटीन है। उन्होंने बताया कि मौसम पूर्वानुमान के अनुसार अगले 24 घंटे में गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।

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इस बीच शुक्रवार को 9.87 मिमी बारिश दर्ज की गई। बूढ़ी गंडक का जलस्तर 49.57 मीटर जो खतरे के निशान से करीब पांच मीटर नीचे तथा बागमती का जलस्तर 53.30 मीटर जो खतरे के निशान से करीब दो मीटर नीचे है।

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तटबंध पर समय से मरम्मत नहीं होने से जगह-जगह धंसान

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विभाग की ओर से तीन अलर्ट जारी होने के बावजूद शहरी क्षेत्र से जुड़े बांध की मरम्मत नहीं हो सकी है। दादर, कुंडल से लेकर सिकंदरपुर और चंदवारा तक बांध जगह-जगह धंसकर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। लगातार हो रही बारिश के बाद बांध की स्थिति और जर्जर होती जा रही है। वर्षा के कारण भी रेन कट है। इस तरह की हालत मीनापुर इलाके में भी बनी हुई है। जानकारी के अनुसार प्रशासनिक स्तर पर पहले 15 मई, फिर 31 मई की डेडलाइन तय हुई थी, लेकिन काम जिस गति से होना चाहिए वह नहीं हुआ। बाद में विभाग के कार्यपालक अभियंता ने 15 जून तक काम खत्म हो जाने का दावा किया। वह भी पूरा नहीं हुआ। अब मरम्मत हो लेकर बालू नहीं मिलने की बात की जा रही है।

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सिकंदरपुर नाका से स्लुइस गेट होते हुए एसएसपी आवास तक बांध की सड़क पूरी तरह से जर्जर है। सड़क गड्ढ़े में तब्दील हो गई है। इस बीच चार जगहों पर सड़क के नीचे से मिट्टी धंस गई है। इस वजह से बांध खोखला हो चुका है। दादर स्लूस गेट से सिकंदरपुर के बीच में 10 जगहों पर बड़े रेन कट है। बालूघाट से चंदवारा के बीच बांध पर बनी सड़क पर जगह-जगह गड्ढ़ों के कारण मुश्किलें बढ़ गई हैं। आठ जगहों पर रेन कट व मिट्टी धंसने से धीरे-धीरे स्थिति और खतरनाक होती जा रही है, लेकिन बांध की मरम्मत व बाढ़ से बचाव को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

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Swaraj Shrivastava

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Swaraj Shrivastava
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