चांद पर अपना आशियाना…ये शब्द गीत-गजलों में पिरोते रहे हैं। हसीन कल्पनाओं के तानेबाने बुनने के सिवा असल जिंदगी में इसका दूर-दूर तक कोई वजूद नहीं था, लेकिन यह खबर हैरत को भी हैरत में डालने के लिए काफी है कि कोई चांद पर सचमुच में जमीन खरीद ले। बिहार में ऐसे अजूबों की कमी नहीं है। दिवंगत फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के बाद अब एक और शख्स चांद पर जमीन के मालिक बन गए हैं। ये हैं दरभंगा के बेनीपुर प्रखंड के बहेड़ा के निवासी और पेशे से सॉफ्टवेयर डेवलपर इफ्तेखार रहमानी। इनके नाम पर चांद पर 1 एकड़ जमीन होने का दावा किया जा रहा है। दावा यह भी है कि उन्हें अमेरिकन कंपनी लूना सोसाइटी इंटरनेशनल ने यह प्लॉट उपहार में दिया है। इफ्तेखार रहमानी ने प्लॉट का पेपर भी दिखाया।
नोएडा में चलाते हैं सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कंपनी
इफ्तेखार नोएडा में AR स्टूडियोज नामक सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कंपनी चलाते हैं। उन्होंने इस कंपनी की शुरुआत एक स्टार्टअप के रूप में 2019 में की थी। यह कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर खास तौर पर काम कर रही है। इफ्तेखार लूना सोसाइटी इंटरनेशनल के लिए भी काम करते हैं। इनके उम्दा काम के इनाम के तौर पर कंपनी ने उन्हें चांद पर प्लॉट दिया है।
इफ्तेखार ने माता-पिता का आभार जताया
चांद पर जमीन मिलने के बाद इफ्तेखार बेहद खुश हैं और इस खुशी के मौके पर उन्होंने अपने माता-पिता, परिवार और दोस्तों का आभार जताया। इफ्तेखार ने बताया कि वह चांद पर रिसर्च करने वाली और वहां के प्लॉट का हिसाब-किताब रखनेवाली अमेरिकन कंपनी लूना सोसाइटी इंटरनेशनल के लिए सॉफ्टवेयर डेवलप कर रहे हैं। अच्छे काम के लिए कंपनी ने उन्हें यह जमीन गिफ्ट में दी गई। उन्होंने कहा कि वे कंपनी के आभारी हैं।
एजाज ने राजस्थान से B-TECH किया था
इफ्तेखार के छोटे भाई एजाज आलम ने कहा कि वे सभी दो भाई और चार बहनें हैं। चारों बहनें बड़ी हैं, जबकि भाइयों में इफ्तेखार बड़े हैं। उनके पिता फख्र-ए- आलम बहेड़ा रजिस्ट्री ऑफिस में कातिब थे। 2014 में उनका देहांत हो गया था। मां नासरा बेगम एक गृहिणी हैं। एजाज ने कहा कि इफ्तेखार ने बहेड़ा से ही प्रारंभिक शिक्षा हासिल की है। उन्होंने 2011 में बहेड़ा कॉलेज से इंटर साइंस किया। उसके बाद उदयपुर, राजस्थान के एस.एस कॉलेज से बी.टेक की पढाई की। वे बचपन से ही पढ़ाई-लिखाई में बहुत तेज थे। इंजीनियर बनना उनका बचपन का सपना था।
धोनी और शाहरुख के नाम भी चांद पर जमीन
इससे पहले भारत में शाहरुख खान, दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत, महेंद्र सिंह धोनी समेत कुछ लोग ही चांद पर प्लॉट के मालिक हैं। अब इस सूची में दरभंगा के इफ्तेखार रहमानी का नाम भी जुड़ गया है। इससे पूरे जिले के लोगों में खुशी है।
जमीन का मालिकाना हक नहीं जताया जा सकता
चांद पर जमीन के बारे में कहा जाता है कि कोई भी शख्स उस पर मालिकाना हक नहीं जता सकता और न ही वहां जा सकता है। यह सिर्फ अपने दिल को बहलाने के लिए होता है। चांद पर जमीन खरीदना गैर-कानून माना जाता है। सुशांत ने जो जमीन खरीदी थी वह चांद के ‘सी ऑफ मसकोवी’ में है। इस जमीन की निगरानी के लिए सुशांत ने एक टेलीस्कोप 14LX00 भी खरीदा था।
अंतरराष्ट्रीय संधि के बारे में जानें
वर्ष 1967 में 104 देशों ने एक समझौता पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते के तहत चांद, तारे सहित अन्य अंतरिक्ष की चीजें किसी एक देश की संपत्ति नहीं हैं। इसलिए कोई भी इसमें दावा नहीं कर सकता। भारत ने भी इस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। भारत में भी चांद पर जमीन खरीदना गैर-कानूनी माना जाता है।
34.25 डॉलर है चांद पर जमीन की कीमत
चांद पर एक एकड़ जमीन की कीमत 34.25 डॉलर के करीब है। इतने कम कीमत पर लोग चांद पर जमीन खरीद सकते हैं। भूमि इंटरनेशनल लूनर लैंड्स रजिस्ट्री नाम की एक वेबसाइट है, जहां से आप चांद पर प्लॉट खरीद सकते हैं। वेबसाइट पर जाने के बाद चांद का एरिया बताया जाएगा। जैसे- बे ऑफ रैन्बो, लेक ऑफ ड्रीम, सी ऑफ वैपोर्स, सी ऑफ क्लाउड्स। आप इनमें से किसी एक जगह का चयन कर जमीन खरीद सकते हैं।
Input: Bhaskar
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