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मुजफ्फरपुर में 25 अप्रैल को ली जाएगी सेना बहाली की लिखित परीक्षा, इन जिलों के अभ्यर्थियों को मिलेगा मौका

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मुजफ्फरपुर। Muzaffarpur, Army Recruitment: सेना भर्ती की लिखित परीक्षा 25 अप्रैल को होगी। परीक्षा चक्कर मैदान में ली जाएगी। इसकी अधिकारिक घोषणा परीक्षा के पहले कर दी जाएगी। इसमें मुजफ्फरपुर समेत आठ जिलों के करीब दो हजार से अधिक अभ्यर्थी शामिल होंगे। इसमें वहीं लोग शामिल होंगे, जिन्होंने दौड़ के साथ लंबी-ऊंची कूद, बिम, मेडिकल आदि पास कर चुके हैं।

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दानापुर स्थित जेडआरओ ने इस बात की घोषणा की है। अभ्यर्थियों को एडमिट कार्ड जारी कर दिया गया है। सेना भर्ती के एआरओ जिला प्रशासन की मदद से जुट गए हैं। बुधवार को डीपीआरओ कमल सिंह ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पहले चरण में सोल्जर क्लर्क-स्टोरकीपर, नर्सिंग सहायक, टेक्नीकल, सोल्जर जीडी के लिए शारीरिक दक्षता की परीक्षा प्रक्रिया चक्कर मैदान में 28 जनवरी से लेकर आठ फरवरी के बीच चक्कर मैदान में हुई थी।

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मुजफ्फरपुर के अलावा समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी, शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण व पश्चिमी चंपारण के 55 हजार से अधिक युवकों ने हिस्सा लिया था। पहले और दूसरे चरण की बाधा को पार कर करीब दो हजार अभ्यर्थी लिखित परीक्षा में शामिल होंगे।

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सुबह नौ बजे से होगी लिखित परीक्षा

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लिखित परीक्षा की प्रक्रिया 25 अप्रैल की भोर में करीब तीन बजे से शुरू हो जाएगी। इस दौरान अभ्यर्थियों की थर्मल स्क्रीनिंग होगी। उनके एडमिट कार्ड की जांच होगी। बॉयोमीट्रिक से उनकी उपस्थिति दर्ज की जाएगी। पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाएगी। सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद सुबह नौ बजे से परीक्षा ली जाएगी।

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पीजी में नामांकन के आवेदन की रफ्तार धीमी

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मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में पीजी में नामांकन के आवेदन की प्रक्रिया काफी धीमी चल रही है। 2020-22 सत्र में नामांकन के लिए 15 अप्रैल तक ही आवेदन की तिथि निर्धारित की गई है। अभी तक तीन हजार ही आवेदन प्राप्त हुए हैं। यूएमआइएस कोऑर्डिनेटर ने सभी प्राचार्यों और छात्र-छात्राओं से कहा है कि वे निर्धारित तिथि तक आवेदन जमा कर दें।

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आखिरी समय में सर्वर पर अधिक लोड बढ़ सकता है। ऐसे में आवेदन करने से वंचित भी हो सकते हैं। कई बार देखा गया है कि स्टूडेंट्स आखिरी समय में आवेदन करने के चक्कर में नामांकन से वंचित हो जाते हैं। उसके बाद विश्वविद्यालय पहुंचकर दोबारा तिथि बढ़ाने का आग्रह करते हैं। इसके कारण नियमित सत्र वाले विद्यार्थी भी परेशान होते हैं।

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Input: JNN

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