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BIHAR सरकार की बड़ी कार्रवाई, सिवान नगर परिषद की चेयरमैन की गई कुर्सी, FIR दर्ज

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बिहार (Bihar) के सिवान में भ्रष्टाचार के आरोपो से चारों ओर से घिरी नगर परिषद की चेयरमैन सिंधु सिंह पर जांच के बाद अब आरोप सिद्द हो गया है. जिसके बाद नगर विकास एवं आवास विभाग ने कड़ी कारवाई करते हुए उन्हें पद से हटा दिया है. सिवान नगर परिषद के सभापति सिंधु सिंह सहित तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी और अन्य दोषियों पर प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है.

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चेयरमैन पर भ्रष्टाचार का आरोप सिद्ध
सिवान नगर परिषद के सभापति सिंधु सिंह पर 2017-18 में कूड़ा कचरा रखने के लिए 4 करोड़ रुपये की लागत से जमीन खरीद और 49 लाख रुपये की लागत से शहर के आसपास मोड़ से तरवारा मोड़ तक 5 फ़ीट सड़क चौड़ीकरण में भारी वितीय अनिमितता की शिकायत पर विभागीय जांच के बाद नगर विकास एवं आवास विभाग ने सिवान नगर परिषद के चैयरमैन सिंधु सिंह, तत्कालीन नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सहित दर्जनों लोगो को दोषी मानते हुए, उनपर प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए सिवान DM को निर्देश दिया है. साथ ही कड़ी करवाई करते हुए, नगर परिषद सिवान के चैयरमैन को पद से हटा दिया है.

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पूर्व मंत्री ने पत्र लिखकर लगाए थे गंभीर आरोप
भ्रष्टाचार का अड्डा बन चूके सिवान नगर परिषद को लेकर बिहार सरकार के पूर्व मंत्री विक्रम कुंवर ने पत्र लिखकर इसकी शिकायत नगर विकास एवं आवास विभाग को की थी. जिसके जांच के क्रम में नगर विकास विभाग ने निम्नलिखित मामलों में दोषी पाया हैं. नगर परिषद सिवान के मुख्य पार्षद के पद पर रहते हुए, दिनांक 27/06/2017 को शहर के अस्पताल मोड़ से तरवारा मोड़ तक 49 लाख 91 हज़ार 500 रुपए की लागत से हुई चौड़ीकरण कार्य में वितीय अनियमितता व पार्षद रहते हुए खुद के द्वारा कार्य कराया गया.

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योजना में प्रयुक्त होने वाली सामग्री की जांच कार्य के पहले व बाद में नहीं कराई गई. कार्यादेश के अनुसार योजना 26/09/2017 को पूर्ण होने वाली थी. जिसमे पद का दुरुपयोग करते हुए, 20/02/2018 को पूर्ण किया गया. बिना समय विस्तार कराये औऱ बिना 10% राशि के कटौती किये 5 किस्तों में भुगतान किया गया. निविदा आमंत्रण सूचना 1600 दिनांक 07/09/2016 की कंडिका 26 में साफ अंकित है कि, सुरक्षित जमा राशि कार्य समाप्ति के 3 वर्ष बाद कार्य संतोषप्रद होने के बाद ही विमुक्त की जाएगी. लेकिन शर्त का उलंधन करके 3 लाख 17 हज़ार रुपये सुरक्षित जमा राशि 08/08/2019 को प्राप्त कर ली गई.

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कूड़ा निस्तारण के नाम पर सरकार के निर्देशों से हटकर,बिना सक्षम अधिकारी के निर्देश प्राप्त किये 4 करोड़ 3 हज़ार 7 सौ 85 रुपये (40003785 रुपये) जमीन खरीदने के नाम पर खर्च किये गए. नगर परिषद सिवान के साधारण बैठक से 50 लाख रुपए तक कि खरीददारी की प्रशाशनिक स्वीकृति की शक्ति होती है. लेकिन इतनी बड़ी राशि की खरीद के लिए पूर्व में सक्षम प्राधिकार से स्वीकृति प्राप्त नहीं की गई.

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तत्कालीन नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी को 30/06/2017 को दिया गया आदेश ” प्रतिवेदन बोर्ड की बैठक में रखकर प्रस्ताव की संपुष्टि प्राप्त करें”। बोर्ड की बैठक का तात्पर्य साधारण बैठक से होता है. जबकि विशेष बैठक दिनांक 30/06/2017 की प्रस्ताव संख्या 4 के अन्यान्य XXI द्वारा स्थायी समिति की बैठक 27/06/2017 को संपुष्टि की गई है.

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नगर परिषद द्वारा खरीदी गई जमीन पर नगर परिषद अपना कब्जा नहीं कर पा रहा है. निजी भूमि का क्रय ग्रामीणों के विरोध के बावजूद भी स्वार्थ पूर्ति के लिए किया गया है और जमीन का उपयोग नहीं हो रहा है. जमीन क्रय के डीड में पृष्ठ संख्या 4 में भुगतान विवरणी के कॉलम में लिखा गया है कि कॉलम के मूल्य का भुगतान उनके और उनलोगों के गठित समूह यूनिक डेवेल्पर्स द्वारा संयुक्त रूप से होगी,जबकि डीड से विक्रेता के रूप में यूनिक डेवेल्पर्स नहीं है.

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यूनिक डेवेल्पर्स को बड़ी राशि का भुगतान सरकारी दिशा निर्देशों से हटकर किया गया हैं, जिससे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लाभ अर्जित किया जाना प्रकट होता हैं. सिंधु सिंह मुख्य पार्षद नगर परिषद सिवान के द्वारा इस संबंध में स्पष्टीकरण समर्पित किया गया है. जिसे स्वीकार योग्य नहीं पाया गया है. स्पष्ट है कि उनके द्वारा अपने कर्त्तव्यों के निर्वाहन में दुराचार/भ्रष्टाचार किया गया है.

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इनपर हुई है कार्रवाई
नगर विकास एवं आवास विभाग ने जिन लोगों पर कारवाई की है. उनमें सिवान नगर परिषद के चैयरमैन सिंधू सिंह, तत्कालीन मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी राजकिशोर लाल एवं निलंबित प्रधान सहायक सह लेखपाल, किशन लाल, कनीय अभियंता ओमप्रकाश सुमन, कनीय अभियंता अजित सिंह,तुलसी राम,कार्यपालक अभियंता नगर परिषद सिवान, आनंद मोहन सिंह, सहायक अभियंता नगर विकास प्रमंडल सिवान (वुडको), सहित अन्य दोषी पदाधिकारी व कर्मी शमिल हैं, जिनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. इसके साथ ही नगर परिषद के चेयरमैन सिंधु सिंह को पदमुक्त कर दिया गया है.

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Abhishek Anand

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