सिरोही. लेडी इंस्पेक्टर सीमा जाखड़ (Lady Inspector Seema Jakhar) को पुलिस विभाग ने बर्खास्त (Terminate) कर दिया है. सीमा जाखड़ ने करीब 15 दिन पहले सिरोही जिले के बरलूट थानाप्रभारी (Barlut Police Station) के पद पर रहते हुये में गिरफ्त में आये डोडा पोस्त तस्कर को 10 लाख रुपये की रिश्वत लेकर फरार करा दिया था. दो दिन बाद 28 नंवबर को सीमा जाखड़ की शादी होनी है. इससे पहले इस मामले में सीमा जाखड़ के साथ इस मामले में लिप्त पाये गये तीन कांस्टेबलों को भी आज सुबह ही बर्खास्त कर दिया गया है. सीमा जाखड़ की बर्खास्तगी के बाद यह मामला सोशल मीडिया में भी चर्चा में आ गया.
रिश्वत लेकर तस्कर को भगाने के मामले में राजस्थान पुलिस की खासी बदनामी हुई थी. इस पर पुलिस महकमे ने तत्काल बड़ा एक्शन लेते हुये जांच में दोषी पाये जाने पर तत्कालीन बरलूट थानाप्रभारी सीमा जाखड़ और तीन कांस्टेबलों को पुलिस सेवा से ही बर्खास्त कर दिया है. हाल ही में राजस्थान पुलिस में इस तरह का आचरण करने वाले कई पुलिसकर्मियों का बर्खास्त किया जा चुका है.
सिरोही पुलिस उपाधीक्षक ने की थी जांच, आरोप प्रमाणित पाये गये थे
पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह यादव ने बताया कि इस मामले की प्राथमिक जांच सिरोही पुलिस उपाधीक्षक के द्वारा कराई गई थी. इसमें बरलूट थानाप्रभारी सब इंस्पेक्टर सीमा जाखड़ और तीन पुलिसकर्मियों की भूमिका प्रमाणित पाई गई. इससे पुलिस महकमे की छवि को खासा नुकसान पहुंचा. इस पर पुलिस विभाग ने चारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुये उन्हें पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया है. इसके बाद सिरोही पुलिस महकमे में चर्चाओं का दौर चल पड़ा है.
हेड कांस्टेबल ओमप्रकाश विश्नोई है सरगना, डील यही करता है
बर्खास्त किये गये अन्य पुलिसकर्मियों में हेड कांस्टेबल ओमप्रकाश विश्नोई, कांस्टेबल सुरेश और हनुमान शामिल हैं. इन सबका सरगना ओमप्रकाश विश्नोई है. वही तस्करों से लेनदेन की सैटिंग करता है. ओमप्रकाश पहले राजस्थान गुजरात बॉर्डर पर स्थित छापरी चौकी में पदस्थापित था. वहां उसका रुपये के लेनदेन का एक वीडियो वायरल हुआ था. उसके बाद उसे वहां से हटाकर बरलूट थाने में लगाया गया था. इस मामले की भी डील करने में मुख्य भूमिका ओमप्रकाश विश्नोई की थी. वह पहले भी इस तरह के मामलों में लिप्त रह चुका है.
करीब दो सप्ताह पहले हुआ था मामला
उल्लेखनीय है कि करीब दो सप्ताह पहले यह मामला हुआ था. जांच में सामने आया था कि पुलिस ने पकड़े गये तस्कर से सौदेबाजी की. सौदा तय हो जाने के बाद उससे बरामद किये गये डोडा-पोस्त की बरामदगी भी कम दिखाई. डोडा पोस्त बरामद तो दो क्विंटल 10 किलो किया गया था. लेकिन उसे केवल 1 क्विंटल 41 किलो दर्शाया गया. बाद में 10 लाख रुपये लेकर तस्कर को वहां से फरार करा दिया गया. लेकिन यह पूरा मामला सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया था
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