मुजफ्फरपुर। बैंक खातों से चार करोड़ रुपये से अधिक की राशि उड़ाने वाले शातिरों ने रामदेव राम के बाद रिटायर्ड महिला प्रोफेसर मीना कुमारी के सिम का क्लोन बीएसएनएल के ही डिस्ट्रीब्यूटर से जारी करवाया था। क्लोन किये गये सिम से पीएनबी की साइंस कॉलेज शाखा के कैशियर नीतेश कुमार सिंह ने रिटायर कर्मी के बैंक खाते से 22.40 लाख रुपये व प्रो. मीना कुमारी के खाते से एक करोड़ सात लाख 50 हजार रुपये उड़ाये थे। अब दोनों मामले में फर्जी सिम डिस्ट्रीब्यूटर प्रभात रंजन की भूमिका सामने आयी है।
मुजफ्फरपुर से और साइंस कॉलेज के प्रोफेसर ज्योति नारायण सिंह के सिम का क्लोन बनाने में भगवानपुर के एक सिम डिस्ट्रीब्यूटर की भूमिका समाने आयी है। पुलिस इसके अलावा एक दर्जन से अधिक सिम का स्टॉल चलानेवाले शातिरों की कुंडली खंगाल रही है। वहीं प्रभात रंजन की गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई तेज हो गई है।
जेल में बंद नीतेश व जफर इकबाल ने एक दर्जन से अधिक नये सिम जारी करनेवाले व पोर्ट करनेवाले लोगों से सांठगांठ की। वह क्लोन तैयार कर दूसरे नंबर में पोर्ट करा लेता था। फर्जीवाड़े में शामिल कई सिम विक्रेता पुलिस के रडार पर हैं।
चार आरोपितों को दूसरे कांड में भेजा जायेगा रिमांड पर :
करोड़ों रुपये के साइबर फ्रॉड करने वाले नीतेश समेत चारों शातिरों पर पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है। 22. 40 लाख रुपये के फ्रॉड में चारों जेल में बंद हैं। अब सभी शातिरों को प्रो मीना कुमारी के खाते से एक करोड़ से अधिक के फ्रॉड में न्यायिक रिमांड पर लिया जा सकता है। इसके लिए पुलिस कोर्ट में अर्जी दाखिल करने की तैयारी शुरू कर दी है। बीएसएनएल के रिटायर लाइनमैन रामदेव राम के खाते से 22.40 लाख रुपये की अवैध निकासी में चारों शातिरों को 13 अगस्त को गिरफ्तार कर अगले दिन न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
Input: Hindustan
Comment here