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मरने के बाद जो काम होता है, इन बेटों ने मां के जीते जी करवा दिया, अब लोग कर रहे तारीफ

बच्चों के लिए उनकी मां ही सबकुछ होती है। वह उनकी इच्छा की पूर्ति के लिए कुछ भी कर सकते हैं। ऐसे में राजस्थान के सीकर जिले के फतेहपुर क्षेत्र के खुड़ी गांव में दो बेटों ने अपनी मां की एक ऐसी इच्छा को पूरा किया जिसे अक्सर मां के मरने के बाद किया जाता है। इन बेटों ने मां की खुशी के लिए उनकी यह इच्छा जीते जी ही पूरी कर दी।

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दरअसल जब भी किसी के माता पिता का देहांत होता है तो उनके बेटे घर में उनकी तस्वीर या सामाधि स्थल पर उनकी प्रतिमा स्थापित कर देते हैं। यह कार्य अधिकतर व्यक्ति के मरने के बाद ही किया जाता है। लेकिन सीकर जिले के दो बेटों ने मां के जिंदा होते हुए उनकी मूर्ति बनवा के लगा दी। दिलचस्प बात ये है कि उन्होंने ये पूर्ति मां के कहने पर ही लगाई है। तो आखिर मां ने अपने जिंदा रहते हुए बेटों को अपनी मूर्ति लगवाने के लिए क्यों कहा? आइए जानते हैं।

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सतपाल और महेंद्र दो भाई हैं जो कि सीकर के फतेहपुर क्षेत्र के खुड़ी गांव में रहते हैं। उनके पिता नत्थूराम थालौड़ का निधन दो साल पहले 2019 में हो गया था। उन्होंने अपने दिवंगत पिता की मूर्ति पहले ही बनवा के स्थापित कर दी थी। इसके बाद उन्होंने अपनी मां की मूर्ति भी पिता की मूर्ति के पास स्थापित कर दी। हालांकि उनकी मां अभी जिंदा है। अब इस जिंदा मां की प्रतिमा को देखने लोग दूर दूर से आ रहे हैं। कोई इस मूर्ति के बारे में जान हैरान हो रहा है तो कोई दोनों बेटों के इस काम की सराहना कर रहा है।

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दरअसल एक दिन सतपाल व महेंद्र आपस में बातचीत कर रहे थे कि मां के निधन के बाद उनकी प्रतिमा बनवाकर लगवा देंगे। बस यह बात मां ने सुन ली। ऐसे में वह बोल पड़ी कि मेरे मरने के बाद मूर्ति देखने कौन आएगा? यदि लगवाना ही है तो मेरे जीते जी लगवा दो। तो मैं भी उसे जी भर के देख लूंगी।

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मां की यह बात दोनों बेटों के दिल में घर कर गई। उन्होंने मां की यह इच्छा अपने पड़ोसियों को भी बताई। उन्होंने कहा कि शायद उन्हें पहले से अंदेशा हो गया हो, इसलिए अपनी इच्छा बता दी। बस फिर दोनों बेटों ने मां की मूर्ति बनवाने का ऑर्डर दे डाला और मूर्ति को अपने दिवंगत पिता की मूर्ति के पास स्थापित करवा दिया।

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Input: Daily Bihar

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