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बिहार-झारखंड का टॉप नक्सली कमांडर मिथलेश मेहता गया से गिरफ्तार, कई मामले में पुलिस कर रही थी तलाश

बिहार और झारखंड के टाप नक्सलियों में एक मिथलेश मेहता उर्फ भिखारी उर्फ गेहूं को पुलिस ने गया जिले के आमस थाना क्षेत्र से सोमवार को गिरफ्तार किया है। इसका खुलासा करते हुए मंगलवार को वरीय पुलिस अधीक्षक हरप्रीत कौर ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि पकड़ा गया नक्सली भाकपा माओवादी के केंद्रीय कोर कमेटी का सदस्य है। उसके ऊपर गया ,औरंगाबाद और झारखंड के कई जिलों में मामले दर्ज हैं।एसएसपी ने बताया कि आज से 24 साल पहले मिथिलेश भाकपा माओवादी में शामिल हुआ था। उसके बाद से लगातार संगठन से जुड़ गया और अभी वर्तमान में केंद्रीय कोर कमेटी का सदस्य है। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार नक्सली औरंगाबाद जिले के कुटुंबा थाना क्षेत्र अंतर्गत विष्णुपुर खैरा गांव का रहने वाला है। वो इलाज कराने के लिए निकला था। इसी क्रम में उसकी गिरफ्तारी की गई।

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जिले के आमस थाना क्षेत्र अंतर्गत डेलहो महापुर रोड के समीप घेराबंदी कर संदेह और हुलिया के आधार पर उस व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है। पूछताछ के क्रम में उसने अपना नाम मिथिलेश मेहता बताया था। उसके बाद पुलिस की जांच शुरू हुई। पकड़ा गया मिथिलेश मेहता अलग-अलग नामों से नक्सली कांड को अंजाम देता था। उसने बताया कि 1989 संगठन में शामिल हुए थे और लगातार अब तक माओवादी संगठन के लिए काम कर रहा था। वर्ष 2004 में माओवादी के केंद्रीय कमेटी के सदस्य बना ।पहली बार वर्ष 2001 में झारखंड राज्य के रंका थाना क्षेत्र में पुलिस माओवादी मुठभेड़ में शामिल हुआ। इस कांड में वर्ष 2007 में झारखंड पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था जिसके बाद 11 वर्षों तक जेल में रहा।

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एसएसपी ने बताया कि अगस्त 2018 में जेल से छूटने के बाद पूरी तरह नक्सली गतिविधियों में सक्रिय हो गया। वर्ष 2019 और 2020 गया के चक्र बंदा क्षेत्र में रहकर नक्सली गतिविधियों को संगठित करने का काम कर रहा था। फरवरी 2020 में जिले के बांके बाजार थाना अंतर्गत सोनदाहा गांव में सरकारी भवन में विस्फोट की वारदात को अंजाम दिया। अप्रैल 2020 में धनगाई थाना क्षेत्र के झाझी गांव में पुलिस पार्टी पर नक्सलियों का हमला में भी वे शामिल था।

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पकड़े गए नक्सली के खिलाफ गया जिले के धनगाई,रोशनगंज लातेहार के बालूमाथ, गारू, छिपादोहर, मनिका, हजारीबाग के सदर थाना, औरंगाबाद के कुटुंबा और झारखंड के रंका गढ़वा में मामले दर्ज हैं। एसएसपी ने माना कि पुलिस की बहुत बड़ी उपलब्धि है। जो पिछले ढाई दशक से नक्सलियों के लिए काम कर रहा था। उसे गिरफ्तार करने में सफलता मिली है निश्चित रूप से इसकी गिरफ्तारी के बाद नक्सली संगठन टूटी है। इस नक्सली के बारे में झारखंड और बिहार सरकार द्वारा घोषित इनाम की भी जानकारी ली जा रही है।

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Abhishek Anand

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