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DELHI

बिहार के इस हॉस्पिटल में हर महीने 400 शिशुओं का होता है मुफ्त इलाज, 24 घंटे डॉक्टर रहते उपलब्ध

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बिहार के पूर्णिया के मेडिकल कॉलेज स्थित एसएनसीयू वार्ड नवजात शिशुओं के लिए वरदान साबित हो रहा। बाहर प्राइवेट अस्पतालों में एसएनसीयू वार्ड में एक दिन का चार्ज 5 से 10 हजार रुपये तक लिया जाता है।

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वहीं मेडिकल कॉलेज स्थित एसएनसीयू वार्ड में नवजातों का इलाज मुफ्त में होता है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू वार्ड में इलाज के दौरान अब तक एक भी नवजात शिशु की मौत नहीं हुई है।

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पूर्णिया मेडिकल कॉलेज

सभी तरह के सुविधाओं से लैस है वार्ड

एसएनसीयू में नवजात के इलाज के लिए वेंटिलेटर, फोटोथेरेपी डिवाइस, सी-पैप जैसी सभी तरह की व्यवस्था है। जिसे 24 घंटे चिकित्सक, प्रशिक्षित एएनएम, जीएनएम की निगरानी में संचालित किया जाता है।

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नवजात बच्चों के हर तरह की बीमारी के लिए इलाज की है सुविधा

पैसा नहीं होने के कारण प्राइवेट अस्पताल से मेडिकल कॉलेज में आई, अब मेरी बच्ची बहुत अच्छी है : हादो खातून

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एसएनसीयू में पिछले 15 दिन से अपनी पोती की इलाज करा रही के नगर प्रखंड की हादो खातून ने बताया कि प्रसव पीड़ा के बाद मैं अपनी बहू को के.नगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लायी थी।

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डॉक्टरों द्वारा रखा जाता है पूरा ध्यान

12 घण्टे से अधिक हो जाने और प्रसव में समस्या होने पर उसे मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया लेकिन घर वालों के सुझाव के बाद इसे पूर्णिया के प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां महिला डॉक्टर ने रात 08:30 बजे ऑपरेशन के द्वारा इसका प्रसव कराया। प्रसव के बाद बच्ची एक बार रोई लेकिन उसके बाद बिल्कुल शांत हो गई।

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डॉक्टर ने इसे शीशा में डालने और उसमें बहुत ज्यादा खर्च होने की बात कही। हम बहुत गरीब और कमजोर लोग हैं, जिससे उतना खर्चा हमलोग नहीं दे सकते थे। इसलिए हम बच्ची के जन्म के 02 घण्टे बाद रात के 10:30 बजे सरकारी अस्पताल में ले आये। यहां लाते ही तुरंत इसे शीशा में रखवा दिया गया।

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पहले कुछ दिन डॉक्टरों ने दवाइयों से इलाज किया। 07 दिन बाद बच्ची पहले से ठीक हुई तो उसे इलाज के साथ मां का दूध पिलाया गया। लगभग 15 दिन से मेरी बच्ची शीशे में है। अब वह पहले से बहुत अच्छी है और बहुत जल्दी हमें यहां से छुट्टी मिल जाएगी।

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हम खुदा के शुक्रगुजार हैं कि इसे समय पर यहाँ ला सके। यहां डॉक्टरों द्वारा पूरा ध्यान रखा जाता है। अब मैं आगे से सभी को इसी सरकारी अस्पताल में इलाज कराने का सुझाव दूंगी।

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नवजात बच्चों के हर तरह की बीमारी के इलाज की सुविधा

एसएनसीयू में नवजात बच्चों के हर तरह की बीमारी के इलाज की सुविधा

एसएनसीयू में नवजात शिशु के हर तरह के गंभीर बीमारी का इलाज किया जा सकता है। यहां जन्म के समय बहुत कम वजन, सांस लेने में समस्या, जन्म के बाद न रोने वाले, रेस्पिटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम से ग्रसित, जन्म के बाद से ही पेट में समस्या से ग्रसित, रुक-रुक कर सांस लेने वाले, निमोनिया जैसे अनेक तरह की बीमारी से ग्रसित बच्चों का इलाज किया जाता है।

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यहां 24 घंटे निगरानी में रखते हुए विशेषज्ञ चिकित्सकों से उनका इलाज किया जाता है जिससे उसे स्वस्थ्य किया जा सके।

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एसएनसीयू में वार्मर सहित अन्य सभी आवश्यक सुविधा उपलब्ध

मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधक सिंपी चौधरी ने बताया कि अस्पताल में संचालित एसएनसीयू में हर तरह की आवश्यक सुविधा उपलब्ध है। यहां 24 वार्मर, 14 फोटोथेरेपी और 02 सी-पैप की व्यवस्था है जो नवजात शिशुओं के इलाज के लिए जरूरी है।

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एसएनसीयू में 24 घंटे शिशु विशेषज्ञ चिकित्सक, प्रशिक्षित जीएनएम, वार्ड अटेंडर उपस्थित रहते हैं जिससे कि बच्चों की पूरी तरह देखभाल की जा सके। अस्पताल में कंगारू मदर केयर सुविधा भी उपलब्ध है।

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जहां आवश्यकता होने पर नवजात शिशुओं को उनकी माताओं द्वारा मां का दूध आसानी से दिया जा सकता है। अस्पताल प्रबंधक ने बताया कि हर साल जून-जुलाई में एसएनसीयू में इलाजरत बच्चों की संख्या 350 से 400 तक भी हो जाती है।

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जनवरी 2022 में एसएनसीयू में 236 बच्चों का इलाज किया गया था। इलाज के बाद डिस्चार्ज हुए बच्चों का एसएनसीयू द्वारा फॉलोअप भी किया जाता है जिससे उसके स्वास्थ्य की जानकारी ली जा सके।

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Abhishek Anand

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