बिहार की पटना की खजांची रोड की रहने वाली जयश्री अपने प्रतिभा के चलते इन दिनों सुर्खियों में बनी हुई है। कारण है आंखों की रोशनी ना होने के बावजूद भी 12 विभिन्न भाषाओं में गाना गाती है। जयश्री तमिल, तेलगु, स्पेनिश, फ्रेंच, इंग्लिश, बंगाली, गुजराती, हिंदी, अरबिक, पंजाबी और हरयाणवी जैसे भाषाओं में गाना गाती है। अपनी मधुर आवाज से जय श्री भारत की विविधता को गीतों में पिरो रही है। आठवीं वर्ग में पढ़ने वाली यह छात्रा किसी नए भाषा के गाने को एक दिन सुन ले तो उसके दूसरे ही दिन गाने को हूबहू गा देती है।
जयश्री देखने में असमर्थ है, उसकी छोटी बहन हर्षिता किसी भाषा के गाने को जय श्री को लिरिक्स को हिंदी में अनुवाद करके समझाती है। उसी गाना को उसी भाषा में सीखकर जयश्री गाना गा देती है। जय श्री के पिता संजय कुमार सिन्हा भोजपुर में एक इंश्योरेंस कंपनी में मैनेजर के पद पर तैनात है और मां राजधानी के प्राइवेट हॉस्पिटल में मैनेजर है। जयश्री और उसकी मां ने दैनिक भास्कर से बातचीत की है।
जयश्री ने बताया कि गाना गाने का शौक मुझे शुरू से ही है। किसी भी भाषा के गाना को सुनना मुझे बहुत अच्छा लगता है फिर मैं इसी भाषा में अच्छा गाना गा सकती हूं। जयश्री संगीत की दुनिया में आगे बढ़ना चाहती है। उन्होंने बताया कि फिल्म जगत में अवसर मिलता है तो वह जरूर किस्मत आजमाएगी।
जयश्री की मां ने बताया कि वर्ष 2018 से पहले जय श्री पूरी तरह स्वस्थ थी। अचानक मेनिनजाइटिस बीमारी के चलते दोनों आंखों की रोशनी गायब हो गई। काफी उपचार के बाद भी कोई खास फर्क नहीं हुआ। हार नहीं मानते हुए जयश्री ने गाना गाना शुरू कर दिया। मां ने बताया कि बीमारी के चलते किसी बड़े स्टेज पर परफॉर्मेंस करने का मौका नहीं मिला है लेकिन आगे बढ़ाने की पूरी तैयारी चल रही है।
दैनिक भास्कर को जयश्री की मां अनामिका ने बताया कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया की मदद ले रही है। यूट्यूब पर चैनल और इंस्टाग्राम पर आईडी भी उन्होंने खोल दिया है। मां बताती है कि किसी बड़े प्रतियोगिता वाले शो में ना भेज कर खुद के दम पर सोशल मीडिया के जरिए उसे आगे तक ले जाएगी।
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