बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और मुजफ्फरपुर के बोचहां से नौ बार विधायक रह चुके रमई राम का निधन हो गया है। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। पटना के मेदांता अस्पताल में कुछ दिनों से उनका इलाज चल रहा था। वहां गुरुवार की दोपहर उनका निधन हो गया। 81 वर्षीय रमई राम मुजफ्फरपुर जिले के बोचहां से नौ बार विधायक चुने गए थे।
रमई राम बोचहां सीट से तीन बार राजद, एक बार जदयू और दो बार जनता दल के टिकट पर चुनाव जीते। तीन बार उन्होंने दूसरे दलों से भी चुनाव लड़ा और विधानसभा पहुंचे। बोचहां को उनका किला कहा जाता था। वे पांच बार बिहार में अलग-अलग विभागों के मंत्री रहे। लेकिन 2015 एवं 2020 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2015 में निर्दलीय प्रत्याशी बेबी कुमारी एवं 2020 में एनडीए प्रत्याशी मुसाफिर पावान के हाथों उन्हें शिकस्त झेलनी पड़ी। मुसाफिर पासवान के निधन के बाद राजद ने उन्हें टिकट नहीं दिया। तब उन्होंने वीआइपी का दामन थाम लिया। उनकी पुत्री गीता कुमारी वीआइपी की प्रत्याशी थीं।
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