हिलता-डुलता सस्पेंशन ब्रिज सैलानियों को रोमांच से रूबरू करा रहा है। ब्रिज लगभग 25 करोड़ की लागत से थ्री लेयर सुरक्षा प्रणाली से लैस है। ब्रिज पर 25 पर्यटकों से अधिक पर्यटकों को जाने की अनुमति नहीं दी जाती है।
राजगीर की पहाड़ियों के बीच स्थित नेचर सफारी का हवा में हिलता-डुलता सस्पेंशन ब्रिज सैलानियों को रोमांच से रूबरू करा रहा है। 300 फीट ऊपर हैंग कर रहे इस ब्रिज पर एक बार में 25 लोगों को ही चढ़ने की इजाजत दी जाती है।
बीते रविवार को गुजरात के मोरबी में सस्पेंशन ब्रिज टूटने से हुई सैकड़ों लोगों की मौत ने सभी को स्तब्ध कर दिया है। इस परिप्रेक्ष्य में अंतरराष्ट्रीय पर्यटन नगरी राजगीर के नेचर सफारी सस्पेंशन ब्रिज की सुरक्षा मानकों की पड़ताल बेहद जरूरी हो जाती है।
थ्री लेयर सुरक्षा प्रणाली से लैस है ब्रिज
नेचर सफारी परिसर स्थित सस्पेंशन ब्रिज लगभग 25 करोड़ की लागत से थ्री लेयर सुरक्षा प्रणाली से लैस है। एक बार में इस ब्रिज पर 25 पर्यटकों से अधिक को जाने की अनुमति नहीं दी जाती है।
सबसे खास बात यह है कि सस्पेंशन ब्रिज दो छोटी पहाड़ियों के बीच गहरी खाई के ऊपर हैंग करता है। इस खाई की गहराई लगभग 300 फीट है। जबकि पुल की भी लंबाई 300 फीट है। सस्पेंशन ब्रिज की चौड़ाई लगभग साढ़े पांच फीट।
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पुल को प्लाइवुड सनमाइका को लोहे के रोप में मढ़ाई कर गहरी खाई के ऊपर से हैंग करवाया गया है। पुल के दोनों ओर लोहे की पतली जारी का लेयर लगाया गया है। ब्रिज के बीच में तैनात गार्ड लगातार गश्त कर ज्यादा देर खड़े पर्यटकों को सचेतकर आगे बढ़ने का निर्देश देते रहते हैं।
जारी किया जाता है फिट टू रन सर्टिफिकेट
इस बाबत नालंदा वन प्रमंडल अधिकारी विकास आल्हावत ने बताया कि रोजाना जांच के बाद फिट टू रन सर्टिफिकेट जारी करने के बाद ही सस्पेंशन ब्रिज की एक्टिविटी शुरू होती है। ब्रिज की हर समय सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जाती है।
देखरेख के लिए कंट्रोल रूम भी बनाया गया है। दोनों छोर पर खड़े नेचर सफारी के कर्मी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मुस्तैद रहते हैं।