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बुलेट ट्रेन की तरह दिखती है रैपिड रेल, साइड से मेट्रो जैसा लुक, तस्वीर में देखिए कैसी दिखती है रैपिड ट्रेन

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दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ RRTS कॉरिडोर पर 2025 तक रैपिड रेल को पूरी तरह से चलाना है, मगर उससे पूर्व चरणबद्ध ढंग से इसके स्टेशनों के बीच दूरी को कम करते हुए पैसेंजर्स के लिए यात्रा शुरू कर दिया जाएगा। यह यात्रा मार्च 2023 में शुरू होगा जो पहले 17 किमी तक होगा। उसके बाद काम होते रहेंगे और रैपिड रेल अगले स्टेशन से अंतिम स्टेशन तक यात्रा तय कर लेगी।

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अभी तक रैपिड रेल के डिब्बे ही देखे होंगे। रैपिड रेल के भोगियों के अंदर क्या खासियत है। यह आप पहली दफा देख लीजिए। छह डिब्बे वाली इस रैपिड ट्रेन का लुक सामने से बुलेट ट्रेन की तरह लगता है और किनारे से इसे मेट्रो का डिजाइन दिया गया है। पहले चरण को लेकर ट्रायल प्रारंभ हो चुका है। यह एक छोटा सा ट्रायल है। नवंबर के अंत में पूरी तरह से ट्रायल शुरू होगा। यानी साहिबाबाद से दुहाई तक 17 किमी का प्राथमिकता खंड पर, जिसको अगले साल के मार्च तक शुरू करना है।

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फिलहाल प्राथमिकता खंड का सिविल निर्माण काम अंतिम चरण में चल रहा है। यह आरआरटीएस कॉरिडोर टोटल 82 किलोमीटर लंबी है, जिनमें से 14 किमी का हिस्सा दिल्ली में और उत्तर प्रदेश में 68 किलोमीटर है।

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दिल्ली में इस कॉरिडोर में आनंद विहार, जंगपुरा, न्यू अशोक नगर और सराय काले खां चार स्टेशन हैं, जिनमें केवल आनंद विहार स्टेशन अंडरग्राउंड है। इस स्टेशन से दिल्ली की तरफ न्यू अशोक नगर और गाजियाबाद की ओर साहिबाबाद एलिवेटेड आरआरटीएस स्टेशन बन रहे हैं। यात्री सुरक्षा के मद्देनजर आरआरटीएस के भूमिगत हिस्सों में‌ रेलों की आवाजाही के लिए समानान्तर दो टनल का निर्माण किया जा रहा है।

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इसके अलावे यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु अलग अलग सुरक्षा उपायों का प्रावधान है। इस प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन के पीछे कुछ मुख्य वजह राजधानी दिल्ली की भीड़भाड़ को कम करना, वायु प्रदूषण को कम करना और गाड़ियों के ट्रैफिक, एवं संतुलित क्षेत्रीय विकास को सुनिश्चित करना है।

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Abhishek Anand

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