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बिहार में गंगा हाेगी स्वच्छ, चार एसटीपी चालू, गंगा में साफ हाेकर जा रहा 3054 कस्बे का गंदा पानी

बिहार में गंगा में स्वच्छ पानी बहाने की अभियान पांच वर्ष पहले प्रारंभ की गई थी, उस दिशा में पहली उपलब्धि मिल गई है। नमामि गंगे प्रोजेक्ट के अंतर्गत छह में से चार सीवरेज ट्रीटमेंट यूनिट को शुरू कर दिया गया है। इन एसटीपी से रोजाना 200 मिलियन लीटर यानी सिटी के 42 प्रतिशत गंदे पानी को स्वच्छ करके गंगा में प्रवाहित किया जा रहा है। इसके लिए सिटी के लगभग 3054 कालॉनियाें तथा माेहल्लों में 433 किलोमीटर पाइपलाइन बिछाई गई है।

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सैदपुर एडज्वानिंग से 55 किमी, बेउर एसटीपी से 158 किमी, कर्मलीचक से 96.52 किमी, सैदपुर मेन से 123 किमी, पहाड़ी जोन-5 में 104.03 किमी और पहाड़ी जोन-4 में 92 किमी नेटवर्क को कनेक्ट दिया गया है। कंकड़बाग और दीघा इलाके में 350 किमी पाइपलाइन बिछानी अभी शेष है। इन दोनों एरिया में 450 किमी पाइपलाइन बिछाने का प्लान है। मगर अब तक लगभग 100 किमी तक ही पाइप डालने का कार्य पूरा है।

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बुडको के अधिकारियों ने कहा है कि परियोजना पूरा हाेने में कम से कम डेढ़ से दो वर्ष का समय अभी लगेगा। कंकड़बाग और दीघा इलाके में एक-एक एसटीपी बनाने का प्लान है। दीघा एसटीपी कुर्जी मोड़ के नजदीक गंगा नदी के तट पर सरकारी भूमि पर बनाने का प्रस्ताव है। कंकड़बाग में एसटीपी निर्माण के लिए भूमि फाइनल नहीं हाे सकी है।

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बुडकाे के एमडी धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि पटना शहर में अंग्रेजों के समय के मुख्य तौर पर 4 एसटीपी यूनिट थे जो फिलहाल बेकार और ठप की स्थिति में थे। अब उनके जगह पर नए एसटीपी बृहत कैपिसिटी के साथ बनाया गया है। अगले 40 वर्ष की आबादी के मद्देनजर एसटीपी का निर्माण किया गया है। बेउर एसटीपी मौजूदा वक्त में 43 एमएलडी पानी के साथ चल रहा है।

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इसी तरह पहाड़ी और सैदपुर एसटीपी 60-60 एमएलडी के साथ कर्मलीचक एसटीपी की कैपिसिटी 37 एमएलडी है। संचालित किए जा रहे इन तमाम एसटीपी से बेऊर, पटना सिटी, कर्मलीचक, राजेंद्र नगर समेत कई एरिया से आने वाले गंदे पानी को स्वच्छ किया जा रहा है। नेटवर्क पूरा होते ही भविष्य में सभी एसटीपी काम करने लगेगा।

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