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बिहार में अब वाहन का डुप्लीकेट ऑनरबुक पाना नहीं रहा आसान, पहले करना होगा ये काम

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अब वाहन मालिकों को गाड़ी का ऑनरबुक (आरसी) गुम हो जाने पर उसे दोबारा निकालने के लिए केवल चालान कटाने से काम नहीं चलेगा. गाड़ी मालिक को दर्ज सनहा या एफआइआर का नंबर भी देना है. इसके बाद ही उन्हें डुप्लीकेट ऑनरबुक जारी किया जा सकेगा. वैसे यह नियम बहुत पुराना है, लेकिन परिवहन विभाग के सॉफ्टवेयर अपडेट होने के बाद अब यह अनिवार्य हो गया है.

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फर्जीवाड़े के मामले में कमी लाने का प्रयास

कई बार एक ही गाड़ी के दो ऑनरबुक निकलने, गाड़ी ट्रांसफर के समय फर्जीवाड़े के मामले सामने आ चुके हैं. इस तरह के आधा दर्जन से अधिक मामले पुलिस के पास दर्ज हैं. इसलिए अब फर्जीवाड़े पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए विभाग ने इस प्रक्रिया को विभाग के सॉफ्टवेयर में ही अपडेट कर दिया है, ताकि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा नहीं हो.

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सिस्टम अपडेट होने से लागू हुआ कानून

मामले में डीटीओ सुशील कुमार ने बताया कि वाहन मालिकों की सुविधा को लेकर यह सिस्टम अपडेट हुआ है. इससे उन्हें काफी आसानी होगी. जब किसी वाहन मालिक की गाड़ी का ऑनरबुक खो जाता है, तो उसे दोबारा निकालने के लिए पहले केवल एक फॉर्म, आवेदन व चालान कटाना होता था. लेकिन अब ऑनरबुक खोने पर गाड़ी मालिक को पहले सनहा या एफआइआर दर्ज कराना है.

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फॉर्म-26 भरना होगा

इसके बाद फॉर्म-26, एक आवेदन पर गाड़ी की डिटेल, इंश्योरेंस, प्रदूषण प्रमाण पत्र, गाड़ी मालिक के आधार नंबर की छायाप्रति, एफआइआर काॅपी लगाकर ऑफिस में आवेदन करना है. उसे संबंधित कर्मी रजिस्टर में इंट्री करते हैं और डीटीओ से इसकी अनुमति लेते हैं. इसके बाद सारी जानकारी विभाग के सिस्टम में इंट्री होने के बाद चालान कटता है, जिसके बाद डुप्लीकेट ऑनरबुक जारी किया जाता है.

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Abhishek Anand

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