Sponsored
BIHAR

बिहार के जिस दफ्तर में माँ लगाती थी झाड़ू, बेटा वहीं आया बड़ा अधिकारी बनकर

Sponsored

कहा जाता है मेहनत कभी व्यर्थ नहीं जाती है। ऐसी ही स्टोरी बिहार की महिला की है, ऑफिस में मां एक समय झाड़ू लगाती थी उसी दफ्तर में उसका वारिस अधिकारी बनकर आया है। यह स्टोरी है अरवल जिले की सावित्री देवी की। सावित्री की नौकरी नहीं लगी थी तो वह गांव में ही छोटे से किराना की दुकान चलाकर परिवार की जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रही थी। पति खेती करते थे। दोनों के मेहनत से किसी प्रकार फैमिली का भरण-पोषण हो रहा था।

Sponsored

लेकिन जब 1990 में बिहार सरकार ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की वैकेंसी निकाली तब सावित्री देवी ने फॉर्म भरा। आठवीं पास सावित्री देवी के लिए यह शानदार मौका था। सरकारी नौकरी मिली और उसके बाद परिवार की स्थिति भी बदलने लगी। सावित्री की नौकरी जिस समय लगी उस वक्त उनका संतान दसवीं कक्षा में पढ़ रहा था। नौकरी के दम पर बेटे की पढ़ाई का खर्च भी निकलने लगा। बिहार सचिवालय में सावित्री देवी की पहली पोस्टिंग हुई। जहानाबाद और फिर पटना सचिवालय से 2009 में वह रिटायर्ड हुई। इसी दौरान उनका वारिस अनुमंडल पदाधिकारी के रूप में जहानाबाद में मनोज कुमार नियुक्त हुआ। स्टूडेंट लाइफ में जब मां से मिलने की मनोज की इच्छा होती तब वह अनुमंडल दफ्तर जहानाबाद चले जाते थे।

Sponsored

मनोज कहते हैं कि उनकी मां हमेशा उनका हौसला अफजाई करती थी। इसी का रिजल्ट है कि आज वे दफ्तर में एसडीओ के रूप में पदस्थापित हैं। जहां मान झाड़ू लगाती थी वहां उनकी पहली तैनाती जहानाबाद में अनुमंडल पदाधिकारी के रूप में हुई। इससे पहले उनकी तैनाती में ग्रामीण विकास विभाग में पटना में हुई थी। सावित्री देवी कहती है कि अपने बेटे की कामयाबी को देखकर उनका सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है।

Sponsored

Sponsored
Sponsored
Abhishek Anand

Leave a Comment
Sponsored
  • Recent Posts

    Sponsored