बताते चलें कि मार्च और अप्रैल के महीने में डीजल की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि से उत्पादन कॉस्ट और परिवहन खर्च बढ़ जाने से सरिया और सीमेंट की कीमत में वृद्धि शुरू हुई थी। बढ़ोतरी का हवाला देकर सरिया और सीमेंट की कंपनियों के द्वारा कीमत में इजाफा किया जा रहा था। जबकि केंद्र सरकार ने पिछले दिनों एक टेक्स्ट कम किया जिसके वजह से डीजल की कीमत में प्रति लीटर 10 रुपए कम कर दी गई, इसका प्रभाव अब मार्केट में दिखने लगा है। जानकार बताते हैं कि बारिश के दिनों में निर्माण कार्य सुस्त हो जाने के चलते आने वाले कुछ दिनों में और भी कीमत घटेगी।
लोकल ब्रांड वाली छड़ की कीमत मार्च में प्रति किलो 55 रुपए था लेकिन अप्रैल में इसकी कीमत 70 रुपए तक पहुंच गई। मई के महीने में प्रति किलो 75 रुपए हो गया। ब्रांडेड कंपनियों के छड़ की कीमत में प्रति किलो 10 से 12 रुपए कमा है। एक महीने पहले प्रति किलो 80 से 85 रुपए में बिकने वाला सरिया की कीमत 70 रूपए प्रति किलो आ गया है। भवन निर्माण की अन्य सामग्रियों में कोई खास अंतर नहीं हुआ है। मई के तुलना में गिट्टी, ईंट और बालू की कीमतों में 2500 रुपए से 5000 तक वृद्धि हुई है।
व्यापारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में और बढ़ोतरी हो सकती है। बता दें कि फिलहाल बालू की कीमत पर प्रति ट्रैक्टर 8500 रुपए है, जो मई के महीने में 6000 रुपए था। मई माह में 6500 रुपए बिकने वाला प्रति ट्रैक्टर गिट्टी का रेट 9000 रुपए आ गया है। हाई क्वालिटी के ईंट में बढ़ोतरी होकर 18-20 हजार रुपये प्रति हजार हो गया है
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