Sponsored
ADMINISTRATION

बिहार की मोनू के संघर्ष की कहानी, साइकिल और नाव से सफर कर लोगों को कर रही जागरूक

Sponsored

बिहार के कटिहार की 25 साल की मोनू वैसे तो कोविड वैक्सीनेशन के लिए ग्रामीण लोगों को जागरूक करतीं हैं, लेकिन इसके लिए उसे पहले 8 से 10 किलोमीटर साइकिल चलाना पड़ता है। इसके बाद नाव से 2 से 3 किमी का सफर पानी में डूबने के खतरे के बीच तय करती है। तब जाकर वह कोढा़ प्रखंड के अंदरूनी पंचायतों में पहुंचती है, जहां के करीब 40 गांवों में घूमकर सर्वे करती है।

Sponsored

मोनू कोढा़ प्रखंड के ही उत्तरी सिमरिया की रहने वाली है। पिछले 3 माह से एक NGO से जुड़कर कम्यूनिटी रिसोर्स पर्सन के तौर पर काम कर रही है। उनका काम जितना मुश्किल भरा है, उतनी ही मुश्किल भरी उसकी जिंदगी भी रही है।

Sponsored
बिहार के कटिहार की 25 साल की मोनू

शादी ने पढ़ाई छुड़वाई पति ने भी छोड़ा साथ

मोनू के पिता जोगिंदर तूरी पेशे से राजमिस्त्री हैं, मां शीला देवी साधारण गृहिणी है। वह 3 भाई और 4 बहनों में मझली है। साल 2017 में आर्ट्स से इंटरमीडिएट की पढ़ाई बीएमपी-7 स्कूल से पूरी करने के बाद 2018 में उनकी शादी हो गई।

Sponsored

उनका पति मिथुन मिर्धा कोढा के ही गेराबाड़ी का रहने वाला था और ड्राइवर था। शादी धूमधाम के साथ दहेज में 50 हजार रुपए नकद और बाइक देकर की गई थी।

Sponsored

शादी के करीब 3 साल तक उनका दांपत्य जीवन सही रहा। उसने एक बच्ची को भी जन्म दिया, लेकिन फिर साल 2020 में पति ने मोनू का हाथ छोड़ किसी अन्य लड़की का दामन थाम लिया। इसके बाद मोनू की तो जैसे जिंदगी ही तबाह हो गई। उसे बच्ची के साथ ससुराल से जबरन मायके भेज दिया गया।

Sponsored
शादी ने पढ़ाई छुड़वाई पति ने भी छोड़ा साथ

टीकाकरण अभियान में लोगों को कर रही जागरूक

हालांकि, इस दौरान मायके वालों का साथ मिला तो मोनू ने भी अपने हक और अधिकारों की लड़ाई लड़ने के लिए न्यायालय पहुंची। मामला थाना होते हुए कोर्ट तक जा पहुंचा। फिलहाल मामला कोर्ट में चल रहा है।

Sponsored

कोर्ट-कचहरी और थाने का चक्कर लगाने के बीच ही आज से 3 माह पहले मोनू की मुलाकात स्वयंसेवी संस्था ‘भूमिका विहार‘ के फील्ड ऑफिसर रमाशंकर मेहता उर्फ निर्मल मेहता से हुई।

Sponsored

मेहता ने उनको हिम्मत देते हुए संस्था से जुड़कर अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ने की बात कही। अब 3 माह से मोनू इस संस्था से जुड़कर अपने अधिकारों की लड़ाई भी लड़ रही है और टीकाकरण अभियान में शामिल होकर लोगों को जागरूक कर रही है।

Sponsored
टीकाकरण अभियान में लोगों को मोनू कर रही जागरूक

साइकिल एवं नाव के सहारे 8 से 10 KM तय करती है दूरी

मोनू हर दिन अपने प्रखंड के हरीशपुर, हरिहरपुर, हथिया दीरा, चामा पाड़ा एवं दिघरी पंचायतों के लगभग 40 गांवों में प्रतिदिन सर्वे करती है। इन पंचायतों में करीब 2.87 लाख मतदाता हैं, जिनके बीच पहुंचकर वैक्सीनेशन के प्रति लोगों को जागरूक कर उन्हें केंद्रों तक लाकर वैक्सीन दिलाती है।

Sponsored

सर्वे के लिए मोनू अपने घर से प्रतिदिन 8 से 10 किलोमीटर की दूरी अपनी साइकिल के सहारे तय करती है। वह बताती है कि उसने नौवीं कक्षा में ही साइकिल चलाना सीख लिया था।

Sponsored

यह बिहार सरकार की बालिका साइकिल योजना के तहत उन्हें मिली थी, तब से लेकर अभी तक इसका साथ है । समय के साथ साइकिल अब पुरानी भी हो गई है, फिर भी उसे जैसे-तैसे मरम्मत कर उसी के सहारे सफर तय करती है।

Sponsored

सफर के दौरान हथिया दियारा जैसे इलाकों में अपनी साइकिल को नाव पर रख 2 से 3 किमी तक जाना पड़ता है। उसे नाव पर सफर करते वक्त डर भी लगता है, क्योंकि वह तैरना नहीं जानती है।

Sponsored

कहती है कि उन इलाकों में पहुंचने के लिए दूसरा अल्टरनेट सड़क मार्ग भी है, लेकिन तब रोज लगभग 30 किमी अतिरिक्त दूरी तय करनी होगी, जो साइकिल से शायद संभव नहीं है। हां, अगर स्कूटी होती तो सफर आसान होता।

Sponsored

बेटी को पुलिस बना धोखेबाज पति से करेगी सवाल

मोनू अब अपनी बच्ची को पढ़ा-लिखाकर पुलिस में भर्ती कराएगी। कारण पूछने पर बतातीं हैं कि अपनी जिंदगी की लड़ाई वह जिस तकलीफ और समस्याओं से लड़ रही है, नहीं चाहती कि भविष्य में उसकी बच्ची को भी ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़े।

Sponsored

कहती है कि मेरी बच्ची बड़ी होकर जब पुलिस सेवा में अपना योगदान देगी तो सबसे पहले मेरे धोखेबाज पति एवं अपने पिता से सवाल करेगी कि उन्होंने ऐसा क्यों किया? फिर उन्हें कानूनन सजा दिलाने में उसकी मदद करेगी।

Sponsored
Sponsored
Abhishek Anand

Leave a Comment
Sponsored
  • Recent Posts

    Sponsored