नाजिया परवीन राष्ट्रीय सम्मान के लिए चयनित होने पर बेहद खुश हैं। उन्होंने बताया कि इससे अवार्ड के लिए चयनित होने के बाद जिंदगी में पहली बार इतनी खुशी महसूस कर रही हूं। उन्होंने इसके लिए नर्सिंग प्रोफेशन का शुक्रिया अदा किया है। नाजिया ने कहा कि इसके माध्यम से ही मुझे जन सेवा करने का शानदार मौका प्राप्त हो सका। फैमिली में दो बच्चे होने के बाद भी इससे कामयाबी को पाना थोड़ा टफ था। अपने माता-पिता और पति द्वारा मिले मदद को उन्हें तारीफ की। अपने सहकर्मी और अस्पताल प्रबंधन द्वारा मिले सहयोग के लिए उन्होंने आभार प्रकट किया।
नाजिया बताती है कि स्वास्थ्य सेवाओं में आवश्यक सुधार इस प्रोफेशन में आने के बाद उनका प्राथमिक मोटो रहा है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में नियुक्त होने के बाद उन्होंने स्वास्थ्य महकमे के सहयोग और सह कर्मियों के सहयोग से नए सिरे से लेबर रूम का सेटअप बनाया। इसे शानदार तरीके से सुसज्जित किया गया। बड़े अस्पतालों के तर्ज पर हॉस्पिटल के कर्मियों के लिए s.o.p. बनाने में उन्होंने महत्वपूर्ण रोल अदा किया। अस्पताल में पहले नर्स दिवस नहीं मनाया जाता था।
अपनी सेवा देने के प्रारंभिक दिनों से ही नाजिया ने अस्पताल में खास रूप से नर्स दिवस के आयोजन को बढ़ाया। अच्छे कर्मचारियों को हौसला अफजाई करने और आबाद करने की प्रक्रिया को उन्होंने लगातार जारी रखा। नर्सों को आवश्यक ट्रेनिंग, उनकी कार्यकुशलता को उनका उचित इनाम देना, उनकी कमियों को दूर करना नाजिया ने बखूबी किया। उन्होंने जानकारी दी कि उन्होंने 2010 में नर्सिंग ट्रेनिंग पूरा किया। दिल्ली में 5 वर्षों तक सेवा देने के पश्चात वे निरंतर बिहार के अररिया जिले में स्वास्थ्य महकमे में अपनी सेवाएं दे रही हैं।
सदर अस्पताल में साल 2016 में नाजिया की नियुक्ति हुई। नाजिया हॉस्पिटल प्रबंधन द्वारा मुहैया कराई जा रही सेवाओं को बेहतर करने को लेकर निरंतर प्रयास करती रही। वरिय पदाधिकारियों द्वारा उन्हें सहयोग मिलता रहा। नौकरी करते हुए ही जीएनएम के बाद बेसिक बीएससी इग्नू से उन्हें पूरा किया। एमबीए की ट्रेनिंग पूरा करने के बाद उन्होंने मास्टर ट्रेनर की भूमिका पूरी सफलता के साथ निभाई। हाल के दिनों में ही स्वास्थ्य महकमे द्वारा आयोजित ट्रेनिंग शिविर में नाजिया जिला और प्रखंड स्तर पर टॉपर रही है।
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