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छपरा जहरीली शराब कांड में अब तक 100 गिरफ्तार, बड़ी मात्रा में दारू बरामद

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बिहार के छपरा जहरीली शराब कांड में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है. जहरीली शराब कांड में बड़ी संख्‍या में लोगों की मौत के बाद पूरा प्रशासनिक अमला सकते में है. दोषियों की धर-पकड़ के लिए ताबड़तोड़ छापेमारी की जा रही है. पुलिस अभी तक 100 से ज्‍यादा लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है. सारण के पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार ने यह जानकारी दी है. गिरफ्तारी के साथ ही बड़ी मात्रा में अवैध शराब भी बरामद की गई है. इस मामले में अभी भी छापेमारी की जा रही है. बता दें कि छपरा जहरीली शराब कांड में 11 लोगों की मौत के बाद बिहार का पूरा प्रशासन‍िक अमला हरकत में आ गया है. प्रदेश में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद भी इस तरह की घटना सामने आने से कई तरह के सवाल उठने लगे हैं.

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जानकारी के अनुसार, छपना में कुल 11 लोगों की मौत हुई है, लेकिन सारण के कलेक्‍टर राजेश मीणा ने 10 लोगों की मौत की ही पुष्टि की है. सारण के पुलिस अधीक्षकर संतोष कुमार ने बताया कि पारंपरिक तौर पर सावन की आखिरी सप्ताह में खास पूजा की जाती है और लोग इस पूजा के बाद शराब का सेवन करते हैं. गांववालो ने इसी परंपरा के तहत पहले पूजा की और फिर शराब का सेवन किया. इसके बाद लोगों की हालत बिगड़ने लगी थी और 10 लोगो की मौत हो गई. एसपी ने बताया कि मामला दर्ज कर आगे की कारवाई की जा रही है. जानकारी मिली है कि शराब के अवैध सिंडिकेट से जुड़े है 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. मद्य निषेध विभाग ने 89 लोगों को गिरफ्तार किया है. उन्‍होंने बताया कि स्थानीय चौकीदार और स्थानीय थाना को इसकी जानकारी होनी चाहिए थी. एसपी संतोष कुमार ने बताया कि प्रारंभिक तौर पर स्थानीय चौकीदार और थानेदार को निलंबित कर दिया गया है.

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शराबबंदी के बाद भी जहरीली शराब कांड

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बिहार में पूर्ण शराबबंदी है, इसके बावजूद जहरीली शराब के सेवन से महिलाओं का सुहाग उजड़ रहा है. छपरा के मकेर और भेल्दी में जहरीली शराब पीने से 11 लोगों की मौत हो गई है. 25 के करीब बीमार लोगों का इलाज जारी है. DM और SP दोनों का कहना है कि इस मामले में शराब माफियाओं के विरुद्ध कारवाई की जा रही है. गौरतलब है कि पिछले 1 साल में छपरा में जहरीली शराब पीने से 50 से अधिक मौतें हो चुकी हैं. इनमें कई मौतें प्रशासन की नजर में नहीं हैं. छपरा के मकेर में शराब कांड की घटना के बाद शराबबंदी कानून पर एक बार फिर से गंभीर सवाल उठने लगे हैं.

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Abhishek Anand

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