केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Modi Government) ने गन्ना किसानों के बकाये का समय पर भुगतान सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है. पिछले 3 चीनी सत्रों (Three Sugar Seasons) में चीनी मिलों ने डिस्टिलरियों व तेल विपणन कंपनियों (OMC) को इथेनॉल की बिक्री से 22,000 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है. मौजूदा चीनी सत्र 2020-21 में भी चीनी मिलों द्वारा ओएमसी को एथेनॉल की बिक्री से लगभग 15,000 करोड़ रुपये का राजस्व मिल रहा है. इससे चीनी मिलों को गन्ना किसानों (Sugarcane Farmers) को बकाये का समय से भुगतान करने में सहायता मिली है.
साल 2019-20 में लगभग 75,845 करोड़ रुपये बकाये राशि में से 75,703 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है. पिछले सत्र में सिर्फ 142 करोड़ रुपये का बकाया लंबित है. वर्तमान चीनी सत्र 2020-21 में चीनी मिलों द्वारा लगभग 90,872 करोड़ रुपये के गन्ने की खरीद की गई जो अभी तक का रिकॉर्ड है. इसमें से लगभग 81,963 करोड़ रुपये किसानों को भुगतान कर दिया गया और 16 अगस्त तक सिर्फ 8,909 करोड़ रुपये का गन्ना बकाया लंबित है.
गन्ना किसानों को हुआ इतने का फायदा
बता दें कि भारत सरकार गन्ना किसानों के गन्ना बकाये का समय पर भुगतान करने की दिशा में लगातार कदम उठा रही है. कृषि अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरप्लस चीनी के निर्यात और चीनी को इथेनॉल में परिवर्तित करने को प्रोत्साहन देने का भी काम किया जा रहा है. पिछले कुछ वर्षों में देश में चीनी का उत्पादन घरेलू खपत से ज्यादा रहा है.
पिछले एक महीने में चीनी के अंतर्राष्ट्रीय मूल्य में खासी बढ़ोतरी हुई है.
सरप्लस चीनी को इथेनॉल में परिवर्तित किया
केन्द्र सरकार चीनी मिलों को सरप्लस चीनी को इथेनॉल में परिवर्तित करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है और चीनी के निर्यात को सहज बनाने के लिए चीनी मिलों को वित्तीय प्रोत्साहन उपलब्ध कराया है. केंद्र सराकर चाहती है कि इससे लिक्विडिटी की स्थिति में सुधार हो और उन्हें गन्ना किसानों के गन्ना मूल्य के समयबद्ध भुगतान में सक्षम बनाया जा सके.
पिछले तीन सीजन में इतना मुनाफा हुआ
बता दें कि पिछले 3 सत्रों 2017-18 में लगभग 6.2 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी), 2018-19 में 38 एलएमटी और 2019-20 में 59.60 एलएमटी चीनी का निर्यात किया गया है. वर्तमान चीनी सत्र 2020-21 (अक्टूबर-सितंबर) में सरकार चीनी के 60 एलएमटी निर्यात को सुगम बनाने के लिए 6,000 रुपये प्रति एमटी की दर से सहायता उपलब्ध करा रही है.
भारत सरकार गन्ना किसानों के गन्ना बकाये का समय पर भुगतान करने की दिशा में लगातार कदम उठा रही है.
पिछले एक महीने में चीनी के अंतर्राष्ट्रीय मूल्य में खासी बढ़ोतरी हुई है और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारतीय रॉ शुगर की मांग खासी ज्यादा है. इसे देखते हुए सीएएफएंडपीडी मंत्रालय ने सभी चीनी मिलों के लिए परामर्श जारी किया है कि आगामी चीनी सत्र 2021-22 की शुरुआत से ही रॉ शुगर के उत्पादन की योजना बनाई जानी चाहिए और चीनी के ऊंचे अंतर्राष्ट्रीय मूल्य व वैश्विक कमी का फायदा लेने के लिए आयातकों के साथ अग्रिम अनुबंध करने चाहिए. चीनी का निर्यात और चीनी से इथेनॉल बनाने वाली चीनी मिलों को घरेलू बाजार में बिक्री के लिए अतिरिक्त मासिक घरेलू कोटा के रूप में प्रोत्साहन भी दिया जाना चाहिए.
Input: News18
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