अब पेट्रोल पंप या फिर गैस गोदाम आदि जोखिम भरी जगहों पर आग बुझाने के लिए फायर रोबोट की मदद ली जाएगी। इन जगहों पर आग लगने से मानव बल की क्षति होनी की आशंका ज्यादा रहती है।
फायर रोबोट के जरिए फायरमैन अपनी जान बिना जोखिम में डाले इन जगहों पर आसानी से आग पर काबू पा सकेंगे। इसे रिमोट से संचालित किया जाएगा। इसके लिए सूबे के 44 फायरमैन दिल्ली में विशेष प्रशिक्षण ले रहे हैं।
फायर रोबोट की खरीदारी बिहार सरकार भी करेगी। अभी दिल्ली में दो रोबोट हैं, जिसे यूरोप से खरीदा गया है। एक फायर रोबोट की कीमत तीन करोड़ है। दरअसल, सूबे के दमकल विभाग का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। डिजिटल उपकरणों से लैस किया जा रहा है। इसके लिए सूबे के फायरमैन को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। दिल्ली में 15 अप्रैल को 44 फायरमैन का प्रशिक्षण पूरा हो जाएगा। इस दौरान फायरमैन को रिमोट से चलने वाले फायर रोबोट की जानकारी की दी गई। इसके इस्तेमाल की बारीकी से जानकारी दी गई।
प्रशिक्षण में शामिल उत्तर बिहार के एक फायरमैन ने बताया कि फायर रोबोट जेनरेटर से संचालित होता है। इससे काम लेना बेहद आसान है। एक जेसीबी की तरह ही ऑपरेट करना है। फायर रोबोट को दमकल के नोजल प्वाइंट से जोड़कर इस्तेमाल किया जाता है। एक साथ दो नोजल प्वाइंट फायर रोबोट में काम करते हैं। करीब पांच सौ मीटर क्षमता है। इसके बिहार में आने से फायरमैन को काफी सुविधा होगी। ऊंची इमारतों या फिर बंद गोदाम में आग लगने पर इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। मुजफ्फरपुर के अग्निशमन विभाग सह होमगार्ड के जिला कमांडेंट गौतम कुमार ने बताया कि जवानों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसमें अत्याधुनिक उपकरणों की जानकारी दी गई है। फायर रोबोट के इस्तेमाल के बारे में भी बताया गया है। बिहार में इसकी कबतक खरीदारी होगी, इसकी जानकारी फिलहाल उनके पास नहीं है।
आग का आकलन कर कार्रवाई करें :
प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि घटनास्थल पर जाकर फायरमैन को सबसे पहले आग का आकलन करना है। किस प्रकार की आग है, इसकी जानकारी अपने टीम को देनी है। इस पूरी प्रकिया की मॉनिटरिंग एक पदाधिकारी को करनी है। जब भी भीषण अगलगी हो तो मौके पर दमकल के अलावा एक मेडिकल एंबुलेंस भी होनी चाहिए। इससे जख्मी या झुलसने की स्थिति में तुरंत फर्स्ट एड की जा सके।
मुजफ्फरपुर फायर रिपोर्ट
वर्ष अगलगी की घटनाएं
2019 – 585
2020 – 335
2021 – 324
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