पटना। Bihar Crime: शराब पीने वालों की अपेक्षा शराब के धंधेबाजों को पकड़ना अब पुलिस-प्रशासन की प्राथमिकता होगी। अवैध शराब की आपूर्ति करने वाले तस्करों के विरुद्ध अभियान और तेज किया जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग की समीक्षा के बाद अफसरों को इस बाबत निर्देश दिए हैं।
शराब बेचने वालों पर होगी सख्ती
समीक्षा बैठक के बाद मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने प्रेस वार्ता कर बताया कि पीने वालों की अपेक्षा शराब बेचने वालों पर कड़ाई होगी। शराब तस्कर राज्य के अंदर हो या बाहर, उनको पकड़ा जाएगा। शराब के धंधेबाज पकड़े जाएंगे तो पीने वालों तक खुद आपूर्ति बंद हो जाएगी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने शराबबंदी कानून में किसी तरह के बदलाव से इन्कार किया।
- 20 हजार लोग पकड़े गए शराबबंदी कानून के तहत एक माह में
- 350 डाक्टर, इंजीनियर, सरकारी कर्मी व जनप्रतिनिधि भी पकड़े गए
- 90 शराब तस्करों को पकड़ा गया बाहर के बाहर अन्य राज्यों से
दोबारा पीने वाले ही जा रहे जेल
मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने कहा कि शराब की सप्लाई चेन को ध्वस्त करने पर फोकस किया जाएगा। अप्रैल में शराबबंदी संशोधन के बाद जब पीने वालों को जुर्माना देकर छोड़ने का प्रविधान किया गया, तब से ही इस ओर ध्यान दिया जा रहा है। सिर्फ दोबारा पीने वालों को ही जेल भेजा जा रहा है।
अक्टूबर में 20 हजार लोग गिरफ्तार
अक्टूबर माह में शराबबंदी कानून के तहत 20 हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें 350 डाक्टर, इंजीनियर, सरकारी सेवक और जनप्रतिनिधि हैं। जनवरी से ही विशेष अभियान चलाकर राज्य के बाहर से भी गिरफ्तारी हो रही है। शराब तस्करों को पांच से दस साल तक की सजा सुनाई गई है।
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इस साल पकड़े गए 60 हजार लोग
मद्य निषेध के आइजी अमृत राज ने बताया कि सिर्फ इस साल 60 हजार लोगों को शराबबंदी कानून के तहत पकड़ा गया है। शराब की होम डिलीवरी करने वालों पर भी चोट की जा रही है। राज्य में हरियाणा, पंजाब, अरुणाचल प्रदेश, झारखंड, उत्तरप्रदेश, असम और पश्चिम बंगाल से सबसे अधिक शराब आ रही है, जहां से इस साल 90 शराब तस्करों को पकड़ा गया है। अब बड़े शराब माफिया और तस्करों की गिरफ्तारी के साथ स्पीडी ट्रायल कर उनको सजा दिलाने पर फोकस होगा।