बिहार में भी टूरिज्म (Bihar Tourism) को लेकर कई संभावनाएं है जिनमे से कुछ को विकसित किया जा चूका है, कही इस दिशा में काम चल रहा है बाकि अनगिनत जगहों की कोई खोज खबर नहीं। पिछले साल कुछ इसी तरह के बिना खोज खबर वाले धाम तुतला भवानी (Tutla Bhawani) को एक टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया गया और अब यहाँ सैकड़ों टूरिस्ट राज्य के अलग अलग हिस्सों से आते है।
तुतला भवानी धाम बिहार के रोहतास जिले के तिलौथू में स्थिति है, तीन पहाड़ियों से घिरे धाम में बनाए गए ईको पर्यटन परिसर का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बीते साल किया था।
जानिए क्या है इतिहास
मां तुतला भवानी की प्रतिमा की स्थापना खरवार राजा प्रताप धवल देव ने 1158 ईस्वी में कराई थी। एक शिलालेख में लिखवाया है कि इस स्थान पर पहले से स्थापित प्राचीन प्रतिमा टूट चुकी है, अतः मैं नई प्रतिमा स्थापित करा रहा हूं। मां महिषासुर मर्दिनी हैं। शिलालेख में इन्हें मां जगद्धात्री दुर्गा कहा गया है।
पुराणों में है वर्णित
पुराणों में शोणतटस्था शक्तिपीठ देवी के 51 पीठों में एक माना गया है। शोण तट पर विराजमान देवी को शोणाक्षी की संज्ञा दी गई है, जबकि शिव हैं भद्रसेन। सती का दक्षिणी नितंब यहां गिरा था। यही देवी आज तुतला भवानी के नाम से जानी जाती हैं। हालांकि पहाड़ी से सटकर बहने वाली सोन नदी अब यहां से लगभग चार किलोमीटर पूर्व में चली गई है। पहाड़ी में स्थित मां शोणाक्षी जगद्धात्री दुर्गा के ऊपर से सामने प्रपात गिरता है।
र से सामने प्रपात गिरता है।
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टूरिज्म का नया स्पॉट
तुतला भवानी धाम बिहार में टूरिज्म का एक नया स्पॉट बनकर उभर रहा है, दर्शन से लेकर पिकनिक मानाने वाले लोगों द्वारा यह जगह एक अच्छे टूरिस्ट स्पॉट के रूप में देखा जाने लगा है। हर रोज यहाँ सैकड़ों लोग आते है, वॉटरफॉल में नहाने का आनंद लेते है साथ ही नवनिर्मित झूला ब्रिज से दर्शक करने जाते है।
यहां ऐसे पहुंचे
रोहतास जिला मुख्यालय सासाराम से राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या दो से ताराचंडी तिलौथू मुख्य मार्ग पर सेवही गांव के समीप से तुतला भवानी तक जाने के लिए सड़क की व्यवस्था है। वहीं डेहरी-अकबरपुर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-119 पर तिलौथू प्रखंड मुख्यालय से आठ किलोमीटर पश्चिम तुतला भवानी तक जाने के लिए सड़क है।
घूमने का समय
वैसे तो हर रोज सैकड़ों की भीड़ इस स्थान पर मौजूद होती है लेकिन खासतौर से बरसात के मौसम में दोपहर के वक्त इसकी खूबसूरती देखने बनती है।