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मुजफ्फरपुर-सगौली-हाजीपुर रेलमार्ग के लिए जमीन अधिग्रहण पूरा, इन इलाके के लोगों को होगा लाभ

भारतीय रेलवे की बहु प्रतीक्षित परियोजनाओं में शामिल मुजफ्फरपुर-सगौली दोहरी रेल मार्ग हाजीपुर सगौली नए रेल रूट के लिए भूमि का अधिग्रहण पूर्ण हो गया है। जिला प्रशासन ने दोनों योजनाओं के लिए 2.5325 डिसमिल भूमि का अधिग्रहण कर लिया है। मुजफ्फरपुर-सगौली दोहरे रेलरुट के निर्माण हेतु जिला प्रशासन ने मोतीपुर अंचल के मोतीपुर गांव के आठ लोग, पीडब्ल्यूडी, केंद्र सरकार तथा गैरमजरुआ सर्व साधारण आम की लगभग दो एकड़ सवा 18 डिसमिल भूमि अर्जन किया है। जिला प्रशासन ने नोटिस जारी कर कहा है कि यह भूमि सार्वजनिक प्रयोजनार्थ है। इससे किसी लोगों को क्षति नहीं हो रहा है।

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कहा जाता है कि भूमि अधिग्रहण होने से मुजफ्फरपुर-सगौल रेलखंड दोहरीकरण काम में तेजी आयेगी। इससे बिहार तथा भारत का नेपाल से व्यापारिक रिश्ते और बेहतर होगा। इससे पूर्व में 25 मई 2022 को जिला प्रशासन ने कांटी, मीनापुर और मोतीपुर के 12 गांवों के 32.776 एकड़ जमीन को अधिग्रहित किया था, जो 335 लोगों से लिया गया है।

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उधर, मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन ने पारू अंचल के पारू खास टोला के लगभग 0.35 डिसमिल भूमि का अधिग्रहण किया है.श। इसमें तीन लोगों का जमीन आया है। इसे लेकर सोमवार को मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन ने नोटिस जारी की है.श। बता दें कि, हाजीपुर-सुगौली नयी रेल रुट की 171 किमी प्रोजेक्ट 2004 में प्रारंभ हुई थी। इन दिनों हाजीपुर से वैशाली के बीच ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है, जो 171 किमी में 32 किमी है। हाजीपुर स्टेशन, लालगंज, सराय, वैशाली, दाउदनगर, सरैया, बखरा, साहेबगंज, पारू, केसरिया, हुसैपुर, राजेपुर, अरेराज, संग्रामपुर, सुगौली और हरसिद्धि स्टेशन प्रस्तावित है।

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रेल प्रोजेक्ट से आवाजाही में सुधार लाने तथा इलाके को नयी दुनिया के समक्ष खोलने में सहयोग मिलेगी। लोगों को मुजफ्फरपुर व अन्य रेलवे स्टेशनों पर जाकर अलग-अलग जगहों के लिए ट्रेन पकड़ने हेतु घंटों का इंतजार करना होता है‌। लेकिन, अब मोतीपुर के नजदीक रेलवे स्टेशन होने जाने से उन्हें अधिक इंतजार नहीं करना होगा‌। इस इलाके के लोग, विशेषकर गरीब तथा असुरक्षित स्थिति वाले लोग रोजगार के लिए में नेपाल एवं राज्य की दूसरी जगहों पर आ-जा सकेंगे‌।

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कहा जाता है कि भूमि अधिग्रहण होने से मुजफ्फरपुर-सगौल रेलखंड दोहरीकरण काम में तेजी आयेगी। इससे बिहार तथा भारत का नेपाल से व्यापारिक रिश्ते और बेहतर होगा। इससे पूर्व में 25 मई 2022 को जिला प्रशासन ने कांटी, मीनापुर और मोतीपुर के 12 गांवों के 32.776 एकड़ जमीन को अधिग्रहित किया था, जो 335 लोगों से लिया गया है।

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