जमाना डिजिटल हो गया है, बड़े शहर से लेकर छोटे छोटे गांव के लोग भी इस डिजिटल अभियान से जुड़ रहे है। और इसका एक जीता जगता उदाहरण है बिहार के पूर्णिया जिले के रहने वाले एक किसान जिन्होंने इंटरनेट के माध्यम से जानकारी इकट्ठा कर अपना काम शुरू किया और आज वह उसकी मदद से मोटी कमाई कर रहे है।
हम बात कर रहे है बिहार के पूर्णिया जिला मुख्यालय से 55 किलोमीटर दूर रुपौली के भवानीपुर के माधव नगर के किसान खुर्शीद आलम की, खुर्शीद आलम ने इंटरनेट पर यूट्यूब वीडियो देखकर ड्रैगन फ़्रूट की खेती शुरू की थी। सभी जानकारी ऑनलाइन लिया और फिर ऑनलाइन ही ड्रैगन फ्रूट का बीज मंगवाया और काम शुरू।
चैनल को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने बतया कि वो पिछले दो साल से ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं. उन्होंने कहा वो यह खेती ऑर्गेनिक तरीके से करते हैं जिससे उन्हें अच्छी खासी आमदनी होती है. उन्होंने कहा कि 150 रुपये प्रति किलो के हिसाब से लोग उनके घर आकर ड्रैग्न फ्रूट खरीद कर ले जाते हैं।
इसकी खेती में लागत और मुनाफे को लेकर वह बताते है कि क बीघा में छह लाख रुपया ड्रैगन फ्रूट की खेती में खर्च होते हैं. वहीं, लगभग 2,00,000 रुपये का मुनाफा होता है। यह फल एक बार लगने के बाद लगभग 15 सालों तक उपज देता है और कमाई होती रहती है।
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उन्होंने बताया कि वो भवानीपुर में इकलौते ऐसे किसान हैं जो ड्रैगन फ्रूट की ऑर्गेनिक खेती करते हैं. ड्रैगन फ्रूट की कई तरह की किस्में होती हैं. मैंने अपने खेतों में दो तरह की किस्में- रेड रोज और पिंक रोज को ट्रायल के तौर पर लगाया है. खुर्शीद आलम ने कहा कि फिलहाल 153 किस्मों पर उनकी परिसर जारी है. ड्रैगन फ्रूट की खेती करने में कम मेहनत में अच्छा मुनाफा मिलता है।